सलाइन पर टिकी आरटीआई कार्यकर्ता कुंजलाल के जीवन की लाइन
अजय राणा, गिरिडीह : अपनी मांगों को प्राप्त करना कितना कठिन व संघर्षभरा कार्य होता है इसका अंदाजा आरटीआइ कार्यकर्ता कुंजलाल साव की वर्तमान स्थिति को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। सूचना अधिकारअधिनियम 2005 को आक्षरशः लागू करने की मांग को लेकर बीते 23 मार्च 2022 से कुंजलाल साव धरना पर बैठे थे। दिन.रात चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे धरना पर बैठे रहे लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। लेकिन जैसे ही 21 अप्रैल 2022 से कुंज लाल साव ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया, प्रशासन हरकत में आई और उन्हें स्वास्थ्य जांच का हवाला देकर सीएचसी बगोदर में भर्ती किया गया । बाद में सदर अस्पताल गिरिडीह भेजा गया, जहां आज भी वह आमरण अनशन में है। अस्पताल में उन्हें सिर्फ पानी सलाइन किया जा रहा है।
बताया जाता है कि अपनी मांगों को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता बगोदर बस पड़ाव के गोलंबर स्थित महेंद्र सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे। बाद में उन्होंने भूख हड़ताल शुरू किया। अभी वे सदर अस्पताल में इलाजरत है। इस हालत में भी कुंजलाल की इच्छाशक्ति अटल है। देवभूमिझारखंडन्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक सरकार और प्रशासन उनकी मांगों को नहीं सुनेंगे उनका अनशन चलता रहेगा।
क्या क्या है मांगे
कुंजलाल का कहना है कि आम जनता को पारदर्शी सरकार पाने का मूल अधिकार है पर जनता अपने इस मूल अधिकार से वंचित है। साथ ही राज्य के प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार के बढ़ावे के विरुद्ध में निम्न मांगे हैं. जैसे सूचना अधिकार नियम अधिनियम 2005 को आक्षरशः लागू करने, राज्य के प्रत्येक जिला के उपायुक्त को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने, एवं इनके द्वारा मांगी गई सूचना को इन्हें जल्द ही उपलब्ध कराने की गारंटी देने की मांग शामिल है।
बताते चलें कि कुंजलाल साव ने इन्ही मांगो को लेकर 03.08.2017 से 16.08.2017 तक 14 दिनों का धरना दिए था जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया कि इनकी मांगो को जल्द पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरा है। कुंजलाल साव फिर से अपने मांगो को लेकर आमरण अनशन पर हैं।