कबीर ज्ञान मंदिर में बुधवार से होगा श्री मद्भगवद् गीता जयंती का महा आयोजन

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :

श्री मद्भगवद् गीता जयंती का महा आयोजन 11-12 दिसम्बर को यहां श्री कबीर ज्ञान मंदिर में होगा।

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी के ही दिन आज से 5160 वर्ष पूर्व श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर मानवमात्र को दिया था। 11 दिसम्बर को अमृतोपम गीता ग्रंथ की 5161 वी जयंती है। इस पावन अवसर पर 11 एवं 12 दिसंबर को यह आयोजन हो रहा है।

कार्यक्रम इस प्रकार है

11 दिसम्बर, प्रातः 8 बजे से, ‘सदगुरु मां ज्ञान’ के द्वारा मंगलाचरण उद्बोधन के साथ सम्पूर्ण गीता का सस्वर अखंड पाठ, आरती, पूजन।

 

12 दिसम्बर, प्रातः 8 बजे से मंगलाचरण उद्बोधन, गीता महायज्ञ, आरती, पूजन, प्रसाद वितरण ।

 

गीता महायज्ञ आयोजन के संदर्भ में सद्गुरु मां ज्ञान ने कहा, ‘गीता जयंती के दिव्य अवसर पर पावन गीता ग्रंथ के अखंड पाठ में डुबकी लगाकर व्यक्ति ग्रहदोष, पितृदोष आदि अनेकानेक ताप-दुःखों से मुक्त होकर परम सौभाग्य को प्राप्त कर सकता है।’

सद्गुरु मां ज्ञान ने कहा, ‘आज का मानव- जीवन अशांति और अज्ञान का पर्याय बन गया है। ऐसे में गीता वह संजीवनी बूटी है, जो मानव को दहकते दुखों से निकालकर शांति व सुख की ममतालु गोद में समेट लेने की क्षमता रखती है।

परम कल्याणकारी कर्तव्य पथ की दर्शिका, अमृतमय प्रेम-भक्ति की संवाहिका और ज्ञान-विज्ञान की शीतल-शांत ज्योत्स्ना की प्रकाशिका है गीता।

सही मार्ग दर्शिका, तनाव-चिंता खंडिका, बंधन मुक्त कारिणी, कर्मकला प्रदायिनी, सुखमयी प्रेरणा दीपिका एवं सच्ची हमसफर है गीता।

श्रीमद्भगवद्गीता के समान कोई ग्रंथ नहीं, गीता ज्ञान के समान कोई पंथ नहीं, गीता वाणी के समान कोई मंत्र नहीं, गीता उपदेश के समान कोई कंत व तंत्र नहीं है।

गीता में वह सब कुछ है, जो मानव समुदाय को शांत, सुखी, संतृप्त बना सकता है। पारिवारिक, समाजिक, सांस्कृतिक , व्यवहारिक, आध्यात्मिक समस्त कल्याणकारी पहलू श्रीमद् भगवद्गीता में पूर्णतः प्रकाशित है।’

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