सरकार ने पारसनाथ पहाड़ का जैनीकरण व लुगू पहाड़ का किया हिंदूकरण : सालखन मुर्मू

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि
गिरिडीह का पारसनाथ पहाड़ हम आदिवासियों का मारंग बुरु अर्थात ईश्वर है। जिस पर जैनों का कब्जा है। दुर्भाग्य से हेमंत सोरेन सरकार ने भी 5 जनवरी को केंद्र सरकार को लिखकर जैनों को देने का काम किया है। मरांग बुरु की रक्षा आदिवासी समाज की रक्षा है। अतएव पारसनाथ जनजुटान के बाद 17 जनवरी को 5 प्रदेशों के 50 जिलों में धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन पत्र दिया जाएगा। तिलका मुर्मू की जयंती 11 फरवरी को मोराबादी मैदान रांची में महा धरना किया जाएगा। पारसनाथ पहाड़ में मरंगबुरू की रक्षा के साथ लुगू बुरु जो बोकारो जिला में अवस्थित है और अन्य पहाड़ों की रक्षा भी जरूरी है। जो आदिवासियों का तीर्थ स्थल हैं।

सेंगेल की मांग है भारत सरकार और सभी राज्य सरकार भारत के सभी पहाड़ पर्वतों को आदिवासी समाज को सुपुर्द करें क्योंकि सभी पहाड़ पर्वतों में आदिवासियों के देवी देवता रहते हैं। साथ ही पहाड़ों के मार्फत प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा भी मानवता की रक्षा के लिए आज बहुत जरूरी है। जिसको आदिवासी समाज बचा सकता है।
सालखन मुर्मू ने आरोप लगाया कि झारखंड की तरह
अब पारसनाथ पहाड़ को भी बेच दिया गया है। पारसनाथ का जैनीकरण कर दिया है तो लुगू बुरु का भी हिंदूकरण कर दिया है। संथाल परगना का ईसाईकरण और मुसलमानकरण भी कर दिया है। जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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