लोक आस्था का महापर्व छठ का पहला अर्घ्य संपन्न, घाटों में उमड़ी भीड़
डीजेन्यूज डेस्क, गिरिडीह : छठ महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य समर्पित किया गया। अर्घ्य के समय भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ी थी। जैसे -जैसे सूर्यास्त का समय नजदीक होता जा रहा था, भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही थी।
अध्र्य देने से पूर्व घाट तक जाने वाले मार्ग को साफ किया गया था। छठ के गीतों से माहौल भक्तिमय हो रहा था। जिन व्रतियों का घर घाट से दूर था वे जल्द ही घाट के लिए निकल पड़े थे। श्रद्धालु महिलाएं, ‘‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय …‘‘ जैसे गीत गाते हुए घाटों पर पहुंचीं। कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों की छत पर ही टब रखकर उसमें अर्घ्य दिया। इन श्रद्धालुओं के जमावड़े से घाट का दृश्य काफी मनोहारी लग रहा था। दोपहर से ही घाट गुलजार हो गए थे। घाट पर धूप, दीप अगरबत्ती की सुगंध चारों तरफ फैली थी। छठ मइया के गीत से घाट गुंजायमान थे।
शहर में मुख्य रूप से अरगाघाट, झारियागादी व कर्बला रोड स्थित दिन दयाल छठ घाट पर अर्घ्य दिया गया। वहीं विभिन्न प्रखंडों में भी वहां के जलाशयों में अर्घ्य दिया गया। वहीं दीनदयाल छठ घाट समिति सदस्य आचार्य राहुल पांडेय ने बताया कि जिस प्रकार कार्तिक मास के छठ में भीड होती है ठीक वैसा ही नजारा देखने को मिला। आगले साल से घाट का और भी बेहतर ढंग से सौंदर्यीकरण किया जायेगा।
मालूम हो कि पर्व तीसरे दिन शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। जिसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके साथ ही चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।