बराकर की इस धरती पर भी पडे़ हैं भगवान महावीर के चरण

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महावीर जयंती पर विशेष

दीपक मिश्रा : पूरे विश्व को अहिंसा परमोधर्मः तथा परस्परोपग्रहानाम् जीवानाम् जैसे संदेश समेत प्राणीमात्र के प्रति दयाभाव रखने का उपदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने कभी बराकर तट पर भी भ्रमण किया था। न केवल भ्रमण बल्कि साधना करते हुए शाल वृक्ष के नीचे केवल ज्ञान भी प्राप्त किया था। इसलिए यह स्थल भगवान महावीर का केवलज्ञान कल्याणक स्थल के रूप में जाना जाता है, हलांकि इस बात पर वैचारिक मतभेद है। जैन श्वेतांबर सोसायटी द्वारा संचालित एक भव्य मंदिर है जिसमें गोदुग्धासन में भगवान महावीर की प्रतिमा स्थापित है। यह स्थल ऋजुबालिका तीर्थ के नाम से प्रसिद्ध है।
बताया जाता है कि एक मत के अनुसार साधना के दौरान भगवान महावीर जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दक्षिण बराकर नदी तट पहुंचे थे। यहीं पर श्रमणावस्था में साधना करते हुए बैशाख शुक्ल दशमी के दिन नदी तट पर स्थित शालवृ़क्ष के नीचे गोदोहिका आसन में ध्यान करते हुए चार धाति कर्मों का क्षय किया साढ़े बारह बर्षों की कठीन तप के बाद केवल ज्ञान प्राप्त कर लिया। बताते चलें कि गोदुग्धासन या गोदोहिका आसन शरीर की वह मुद्रा है जो मुद्रा गाय दुहते समय शरीर की बनती है। बराकर नदी तट के शांत वातावरण में भगवान महावीर का भव्य मंदिर है। बताते हैं कि इस तरह की प्रतिमा अपने आप में अद्वितिय है। वहीं मंदिर की दीवारों में भगवान महावीर की जीवनी से संबंधित मुख्य घटनाओं को दर्शानेवाले चित्र उकेरे गए हैं। वहीं इन चित्रों का विवरण भी अंग्रेजी व हिंदी में लिखा गया है। मंदिर की सुंदरता, भव्यता व यहां का शांत वातावरण लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है।

भगवान महावीर के कुछ उपदेश
प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखने के साथ साथ उन्होंने कई मंगल उपदेश दिए। इनमें से कुछ मुख्य उपदेश इस प्रकार है। पहले उपदेश की बात करें तो महावीर ने कहा था कि प्राणीमात्र को अपना जीवन प्यारा है। अतः मरना कोई नहीं चाहता है। दूसरे प्राणी की रक्षा करें व दूसरे का प्राण हरने का अधिकार किसी को नहीं हैं। कषायों का शमन, विषयों का वमन तथा इंद्रियों का दमन करने से जीवन उन्नत बनता है। प्राणी ंिहंसा महापाप व जीव रक्षा महापुण्य है। हर आत्मा परमात्मा बन सकती है।

महावीर जयंति के अवसर पर विशेष पूजोपासना

केवल ज्ञान कल्याणक स्थल में गुरूवार को यानी महावीर जयंति के अवसर पर विशेष पूजोपासना का आयोजन किया जायेगा। इस बाबत संस्था के अमित गौतम ने बताया कि स्नात्र पूजा, आंगी आदि का आयोजन किया जायेगा।

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