फतेहपुर मोड़-बोंगी पथ निर्माण में गुणवत्ता की उड़ रही धज्जियां, विभाग दे रहा ठेकेदार को संरक्षण

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :
गिरिडीह- फतेहपुर मोड़ से बोंगी (बिहार बार्डर) भाया भेलवाघाटी पथ के निर्माण कार्य में गुणवता की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ग्रामीणों द्वारा घटिया निर्माण कार्य को लेकर कई बार काम भी बंद कराया गया है। इसके बावजूद संवेदक और विभागीय अधिकारी मिलकर घटिया निर्माण कार्य जारी रखें हुए हैं।
बताते चलें कि देवरी -चतरो मुख्य मार्ग के फतेहपुर मोड़ से बोंगी ( बिहार सीमा तक ) भाया भेलवाघाटी ( कुल लंबाई 15.810 कि.मी.) पथ का पुनः निर्माण कार्य ऊॅ नमः शिवाय कंट्रक्शन कम्पनी लिमिटेड के द्वारा कराया जा रहा है। पथ निर्माण कार्य में कई अनियमितताएं बरती जा रही
है।
ग्रामीणों ने पथ निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि गार्डवाल व पुलिया तथा पथ निर्माण में मिट्टी व अभ्रख युक्त बालू लगाया जा रहा है। पूर्व में कालीकरण किया हुआ सड़क का बोल्डर उखाड़कर जैसे-तैसे उसी स्थान पर ढक कर नया बोल्डर ऊपर से देकर दबा दिया जा रहा है। सड़क में काला पत्थर के डस्ट की जगह स्थानीय नदी से मिट्टी-अभरख मिला बालू बोल्डर के ऊपर डाला जा रहा है। ग्रामीणों ने मिट्टी व अभ्रख उक्त बालू नहीं देने तथा पूर्व में कालीकरण का बोल्डर हटाने की मांग की है। इसके बावजूद अभ्रख युक्त बालू और कालीकरण किया हुआ बोल्डर को नहीं हटाया गया। सड़क निर्माण में स्थानीय निम्न गुणवता का पत्थर बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है। गार्डवाल कम सीमेंट-मिट्टी युक्त बालू देकर बिना नीचे ढलाई किए दीवाल उठाया गया है। गार्डवाल के ऊपर ढलाई भी नहीं किया गया है,जिससे बहुत आसानी से गार्डवाल टूट गया है। पुलिया में भी इसी तरह घटिया निर्माण किया गया है। कम छड़ सीमेंट और स्थानीय मिट्टी-अबरख मिला बालू, घाटिया पत्थर छर्री देकर ढलाई किया गया है। ऐसे में इसकी गुणवता और भार वहन का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है । ऐसे सड़क से सिर्फ दुर्घटना ही होगी और सड़क कुछ महीने में ही बदतर हो जाएगा। संवेदक मनमाने तरीके से जैसे –तैसे घाटिया सड़क निर्माण कार्य कराने में युद्ध स्तर पर लगा हुआ है। भेलवाघाटी स्थित अरगा नदी पर पुल का निर्माण अब तक शुरू भी नहीं किया गया है। खराब सड़क निर्माण के संबंध में पहले भी आवेदन दिया गया था। कई बार ग्रामीण एवं विभिन्न अखबारों में भी गुणवता को लेकर मामला छपा है किन्तु संबेदक को कोई फर्क नही पड़ा है । ग्रामीण बताते हैं कि अधिकारी ही संवेदक को संरक्षण दे रहे हैं। यही कारण है कि घटिया सड़क निर्माण कार्य जारी है। संवेदक द्वारा जांच टीम के उच्च अधिकारियों को नक्सली होने का भय बताकर धोखा में रखने का भी प्रयास किया गया है। फतेहपुर बोंगी सड़क की लागत ढाई करोड़ प्रति किमी है, फिर भी सड़क निर्माण में गुणवता कहीं नहीं दिख रही है। फिलहाल ग्रामीणों की उम्मीद सरकार पर है।

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