मधुबन पर चढ़ने लगा है होली का रंग, तैयारी जोरों पर
डीजेन्यूज डेस्क : जैसे-जैसे होली करीब आते जा रही है ठीक उसी गति से जैन धर्मावलंबियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन पर होली का रंग चढ़ता जा रहा है। भले ही गत वर्ष कोरोना संक्रमण को ले होली बेरंग रही हो पर उम्मीद है कि इस बार होली का रंग काफी गहरा होने वाला है। इस अवसर पर यहां होने वाले धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक लंबी फेहरिश्त है। यही वजह है कि सतरंगी कार्यक्रमों का ताना-बाना बुना जा रहा है।
बताया जाता है कि मधुबन में होली की तैयारी जोरो पर है। तैयारी को लेकर जगह-जगह तोरणद्वार बनाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी और विभिन्न संस्थाओं में कमरों को तैयार किया जा रहा है ताकि बाहर से आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। स्थानीय लोगों की मानें तो इस वर्ष होली के अवसर पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ होने की संभावना है।
संस्थाओं में चल रही है होली की तैयारी
मधुबन के विभिन्न संस्थाओं में होली की तैयारी अंतिम चरण में है फिर बात चाहे जैन श्वेतांबर सोसायटी की हो भोमिया भवन की हो या फिर सराक भवन। बताते चलें कि मधुबन में होली महोत्सव का मुख्य आकर्षण भोमिया जी मंदिर में होने वाला भक्ति जागरण ही होता है। वहीं अखिल भारतीय सराक जैन संगठन में भी फागण महोत्सव का आयोंजन निर्धारित है। इसके अलावा अन्य स्थलों में भी धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है।
जगह-जगह लगाए जा रहे हैं तोरण द्वार
होली के अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इसी बाबत तोरण द्वार भी लगाए जा रहे हैं। गुणायतन एवं सेवायतन परिवार द्वारा मुख्य मार्ग में तोरण द्वार लगाये गये हैं। बताया जाता है कि दस मार्च से 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ दस मार्च से शुरू होकर 18 मार्च तक चलेगा।
कहीं पानी न कर दे होली महोत्सव के उत्साह को ठंढा
होली को ले स्थानीय निवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है। पर इस उत्साह के बीच पेयजल की समस्या चिंता का सबब बन कर रह गया है। मालूम हो कि मधुबन में सही तरीके से जलापूर्ति नहीं हो रही है। लोगों का अंदेशा है कि कहीं जलापूर्ति ठप रही तो होली का रंग फीका हो जायेगा। लोगों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान करें ताकि स्थानीय लोगों की समस्या दूर होने के साथ-साथ बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों के मन में मधुबन की एक सकारात्मक छवि का छाप पडे़।