सास-ससुर समेत पति को दस साल सश्रम कारावास
डीजे न्यूज, गिरिडीह : दहेज हत्या के एक मामले में न्यायालय ने पति के अलावा ससुर और सास को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला जज चतुर्थ पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने पति रूपेश यादव, ससुर हरि यादव और सास झलवा देवी को दहेज हत्या में दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दहेज प्रताड़ना में तीनों को दो साल की सजा सुनाई गई है। दोनों सजा साथ साथ चलेगी। तीनों को दस-दस हजार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया गया है।जुर्माना जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी। न्यायालय ने तीनों को बीते 31 मार्च को दोषी करार दिया था।न्यायालय में दोषी पाए जाने के बाद सास और ससुर को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सेंट्रल जेल भेजा गया था।इसके पूर्व न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता विशाल आनन्द ने सजा की बिंदु पर बहस करते हुए न्यूनतम सजा देने की अपील की। वहीं पीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा की वकालत की।कहा कि 21वीं सदी में आज भी महिला दहेज की बलि चढ़ रही है, जो कानून के साथ समाज के लिए भी अभिशाप है।कड़ी सजा से ही समाज में बदलाव लाएगा। इस मामले में घटना के बाद से ही पति रूपेश यादव जेल में बंद है। घटना गावां थाना क्षेत्र के ग़दर गाँव की 27 जून 2018 की है।
मारपीट कर जहर पिलाने का लगाया था आरोप
इस कांड के सूचक वासुदेव यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि उसकी बेटी गुड़िया देवी की शादी गदर गांव के रूपेश यादव के साथ साल 2016 में हुई थी।कहा था कि उसकी बेटी गुड़िया का रंग काला था। इसे लेकर उसके ससुराल वाले उसे काली कहकर पडताडित करते थे। ससुराल वालों का कहना था कि इस काली लड़की को ससुराल में रखना है तो तीन लाख रुपए दहेज में देना होगा। दहेज की मांग पूरा नहीं होने पर 27 जून 2018 को ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की और जहर खिलाकर हत्या कर दी।इस मामले में पीपी ने आठ गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की। बचाव पक्ष से अधिवक्ता विशाल आनन्द ने बहस की थी।