धर्म की रक्षा करने वालों की धर्म भी रक्षा करता है: सुरेन्द्र हरिदास
धर्म की रक्षा करने वालों की धर्म भी रक्षा करता है : सुरेन्द्र हरिदास
डीजे न्यूज, कतरास, धनबाद : कतरास के सूर्य मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को कथावाचक सुरेंद्र हरिदास ने प्रवचन के दौरान कहा कि मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है तो कहता है कि यह मेरी मेहनत का फल है और वहीं जब दुःख जीवन में प्रवेश करता है तो कहते हैं कि यह सब भगवान की गलती है। मनुष्य को सब कुछ भगवान पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि मानव को उसके कर्मों का ही फल मिलता है। मनुष्य जब सच्चे भाव से भगवान की पूजा करते हैं तो भगवान को वह मजबूरन स्वीकार करनी पड़ती है। अगर मनुष्य सुखी जीवन जीना चाहता है तो सत्य, ख़ुशी, करुणा, दया, ईश्वर से प्रेम करना सीखना होगा तभी मानव के जीवन में सुख आ सकता है। कलयुग का मनुष्य धर्म को बचाने के लिए आगे नहीं आते हैं केवल जीवन में दिखावा करते हैं। इस धरती पर धर्म होगा तो यह धरती बचेगी क्योंकि भगवान भी धरती पर धर्म की रक्षा करने के लिए ही आये थे। उन्होंने कहा कि भगवान मनुष्य को सत्कर्म करने के लिए भेजते हैं। अपने कल्याण की चिंता स्वयं मनुष्य को करनी पड़ती है। कथा मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि जीवन जीने के लिए की जाती है और कथा सीधा मानव को भगवान से मिला देती है। शास्त्रों में लिखा है अगर तुम धर्म की रक्षा करोगे तो धर्म भी तुम्हारी रक्षा करेगा। मनुष्य किसी को धर्मात्मा कहे या न कहे लेकिन भगवान की नज़र में मनुष्य को धर्मात्मा होना चाहिए। कलयुग का मनुष्य वही करता है जो मन में आता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित कर दे, वही सच्चा सेवक है। मनुष्य का एक ही कर्म व धर्म है और वह है मानवता। सत्संग सुनने से मनुष्य को सत्य का बोध होता है, जिन लोगो के जीवन में सत्संग नहीं होता है उनका जीवन पत्थर के समान होता है। सफल बनाने में किशोरी गुप्ता, कस्तूरी देवी, अशोक कुमार वर्मा, गीता देवी, विनय कृष्ण गुप्ता, अलका देवी, संजय चौधरी, सुमन चौधरी, अवधेश प्रसाद गुप्ता, मनीषा देवी, हिम्मत सिंह, सुमन देवी, विकास साहू, सुशील खेतान, माया खेतान, राजेश चौखानी, संजय गुप्ता, टुटू शर्मा आदि ने सराहनीय योगदान दिया।