गावां के ह्रदय नारायण सिंह की हत्या में सुंदर महतो को उम्रकैद

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गावां के ह्रदय नारायण सिंह की हत्या में सुंदर महतो को उम्रकैद 

35 साल पूर्व घर में हत्या कर शव को जंगल ले जाकर फेंक दिया था, अब तक चार लोगों को अदालत सुना चुकी है सजा  

डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह जिले के गावां थाना अंतर्गत डाबर में हृदय नारायण सिंह की उसके घर में ही हत्या कर शव को जंगल में फेंकने वाले सुंदर महतो को गिरिडीह के जिला जज प्रथम गोपाल पांडेय की अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा दी है। अदालत का यह फैसला 35 साल बाद आया है। सुंदर महतो को हत्या में उम्रकैद की सजा, घर में घातक हथियार लेकर घुसकर अपराध करने पर दस साल सश्रम कारावास की सजा, हत्या कर साक्ष्य छुपाने में तीन साल की सजा के साथ अन्य धारा में सजा सुनाई गई हैं। सभी सजा साथ-साथ चलेगी।अदालत ने साथ ही कुल 40 हजार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी।

मंगलवार को अदालत में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यूनतम सजा देने की अपील की वहीं एपीपी धनजंय दास ने कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनाई।

विदित हो कि यह घटना गावां थाना क्षेत्र के डाबर गांव में 13 जुलाई 1989 को घटी थी। 10 अगस्त 1989 को हृदय नारायण सिंह का शव गावां थाना क्षेत्र के कुसमाई पत्थलहिया माइका माइंस से बरामद किया गया था। इस मामले में पूर्व में तीन लोगों को अदालत ने कुछ साल पूर्व सजा सुनाई थी। तभी से सुंदर महतो फरार चल रहा था जिसकी गिरफ्तारी 20 अप्रैल 2024 को हुई है। इसके बाद अलग से इसका ट्रायल चला और आज अदालत ने फैसला सुनाया है। इस हत्याकांड के चौथे अभियुक्त को सजा मिली हैं।

 

यह था मामला

 

मामले की प्राथमिकी मृतक के पिता जोबराज सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि उनका बेटा हृदय नारायण सिंह, पोता बिरंची कुमार सिंह व दयानंद कुमार सिंह बरगद के पेड़ वाले मकान मवेशी घर पर सोने गये थे। उनके पुत्र हृदय नारायण सिंह को छोटन पासी, साधु पासी, सहदेव महतो, कांग्रेस महतो, सुंदर महतो, महेश महतो, मधुसूदन महतो, भुनेश्वर महतो, बालो महतो, साधुशरण सिंह, सीटन सिंह, मकुन देव सिंह, अवध किशोर सिंह, उमेश महतो आदि ने गला दबाकर हत्या कर दी और उसी के बिछावन में लपेट कर उसका शव बाहर ले गए थे। मृतक का शव काफी दिन बाद जंगल से मिला था।

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