सुखदेव राय और उसके बेटों ने मिलकर की थी राजद नेता कैलाश यादव की हत्या
सुखदेव राय और उसके बेटों ने मिलकर की थी राजद नेता कैलाश यादव की हत्या
प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने चार लोगों को बताया हत्यारा, बिनोद राय को साक्ष्य के अभाव में किया बरी, चारों हत्यारों को छह जनवरी काे सुनाई जाएगी सजा
डीजे न्यज, गिरिडीह : राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। गुरुवार को न्यायालय ने राजेश राय, सुखदेव राय, विक्की राय और जनार्दन राय को दोषी करार दिया। वहीं बिनोद राय को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया। दोषी पाए गए राजेश राय और बिक्की राय सगे भाई हैं। वहीं सुखदेव राय दोनों के पिता हैं। सभी चारों के सजा की बिंदु पर सुनवाई छह जनवरी को होगी। इस मामले में जनार्दन राय हाई कोर्ट से जमानत लेकर बाहर था। दोषी करार दिए जाने के साथ उसे न्यायिक हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल गिरिडीह भेज दिया गया। वहीं अन्य सभी अभियुक्त जेल में बंद थे। इन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आदेश सुनाया गया। घटना बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मोतीलेदा गांव की 25 अगस्त 2020 की है। इस मामले में अभियोजन ने 14 गवाहों का परीक्षण कराया था।
इस तरह हुई थी हत्या
बेंगाबाद थाना अंतर्गत मोतीलेदा दलित टोला स्थित बीच सड़क पर 25 अगस्त 2020 की में रात हरवे हथियार से लैस 25 से 30 अपराधियों ने राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा पर हमला कर दिया था। घेरकर दोनों पर लाठी-डंडे से प्रहार किया गया था। इस हमले में कैलाश यादव की मौत हो गई जबकि इंद्रलाल वर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए। उसे पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया है। हमलावरों में आधा दर्जन लोगों की पहचान की गई थी। मृतक कैलाश यादव के छोटे भाई छोटेलाल यादव ने उनकी पहचान की थी जिनमें सुखदेव राय, राजेश राय, मुकेश राय, बिक्की राय, जनार्दन राय, बिनोद राय व एक नाबालिग रितश्तेदार शामिल थे। रात करीब ग्यारह बजे राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा बुलेट से मोतीलेदा स्थित अपने आवास जा रहे थे। इसी क्रम में मोतीलेदा के दलित टोला के पास पहले से घात लगाए बैठे लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। घेरकर कैलाश यादव को पीट-पीटकर मार डाला। दोनों की चीख सुनकर आसपास के लोग जब निकले तो हमलावर भाग गए। इसके बाद दोनों को रात में ही गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया। गंभीर हालत देख डॉक्टर ने दोनों को पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया था। धनबाद ले जाने के क्रम में रास्ते में ही कैलाश यादव की मौत हो गई।
जख्मी इंद्रलाल की गवाही बना हत्या साबित होने का अहम साक्ष्य
इस मामले में अभियोजन के तरफ से पीपी गोरखनाथ सिंह व सुधीर कुमार और उनका सहयोग कर रहे अधिवक्ता बिपिन कुमार यादव ने 14 गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की थी। जख्मी इंद्रलाल वर्मा की गवाही काफी अहम रही। इस घटना में इंद्र लाल मार खाने से घायल हुए थे। वह कैलाश के साथ बेंगाबाद थाना से वापस लौट रहे थे। उन्होंने घटना को देखा व जख्मी हुए। इसके अलावा स्थानीय ग्रामीण, चिकिसक और पुलिस की गवाही केस साबित करने में मुख्य भूमिका निभाई। बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता दीपक कुमार और नागेंद्र राय ने बहस की थी।