सुदेश महतो ने आजसू को सिल्ली से दिल्ली तक पहुंचाया

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सुदेश महतो ने आजसू को सिल्ली से दिल्ली तक पहुंचाया

सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के एक साधारण परिवार में जन्मे सुदेश कुमार महतो ने झारखंड आंदोलन के दौरान एक युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। महज 25 वर्ष की उम्र में विधानसभा पहुंचने वाले सुदेश महतो ने 2000 में बिहार विधानसभा में अपनी जीत दर्ज की। तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दबावों के बावजूद सुदेश महतो ने झारखंड अलग राज्य की मांग में डटे रहे और राज्यहित को सर्वोपरि रखा।

झारखंड राज्य गठन के बाद सुदेश महतो झारखंड के पहले पथ निर्माण मंत्री बने और पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के आदर्शों और नीतियों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने झारखंड स्टूडेंट यूनियन को विस्तार दिया और आजसू पार्टी को एक स्वतंत्र पार्टी के रूप में स्थापित किया। आज आजसू पार्टी सिल्ली से दिल्ली तक अपनी पहचान बना चुकी है।

सुदेश महतो के नेतृत्व में झारखंड प्रदेश में पंचायत चुनाव आयोजित किए गए और महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया। खेल के क्षेत्र में भी उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कई बड़े स्टेडियमों का निर्माण कराया और राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। नेशनल गेम्स का आयोजन कर झारखंड को गौरवान्वित किया और तीरंदाजी अकादमी की स्थापना की।

कला और संस्कृति के क्षेत्र में छौ नृत्य, झूमर, और अन्य क्षेत्रीय नृत्यों के संरक्षण हेतु कई अकादमियों की स्थापना की। क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए। सुदेश महतो की साफ-सुथरी छवि और कुशल नेतृत्व के कारण, उनका नाम झारखंड की राजनीति में अग्रणी नेताओं में गिना जाता है। विधायक से उपमुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले सुदेश महतो आज झारखंड की जनता की उम्मीद बन चुके हैं।

राज्य में आगामी आम चुनाव की घोषणा होने वाली है और झारखंड की जनता की निगाहें सुदेश महतो पर टिकी हैं। हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

 

सदानंद महतो, धनबाद जिला संगठन सचिव आजसू

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