उपद्रवियों के पोस्टर लगाने से बढ़ी एसएसपी सुरेंद्र झा की मुश्किलें
डीजे न्यूज, रांची : रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगाने से रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा की मुश्किलें बढ़ गई है। सुरेंद्र झा रांची के पहले गिरिडीह के एसपी थे।
राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर रांची पुलिस ने पोस्टर लगाया था। बाद में झामुमो के हस्तक्षेप पर इसे हटा दिया था। इधर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा से स्पष्टीकरण मांगा है। प्रधान सचिव ने पोस्टर लगाने को गलत बताया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायादेश का हवाला दिया है। उन्होंने उपद्रव की घटनाओं में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर लगाए जाने के संबंध में दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। प्रधान सचिव ने कहा है कि 10 जून को रांची में हुई घटनाओं में नाजायज मजमा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों और हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर 14 जून को रांची पुलिस द्वारा लगाए गए। इसमें कई व्यक्तियों के नाम एवं अन्य विवरण भी दिए गए। यह विधिसम्मत नहीं है और उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा पीआईएल संख्या-532/2020 में नौ मार्च, 2020 को पारित न्यायादेश के विरुद्ध है। इस आदेश में न्यायालय ने सड़क किनारे लगे बैनरों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि बिना कानूनी अधिकार के व्यक्तियों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी वाले बैनर सड़क किनारे नहीं लगाएं। यह मामला और कुछ नहीं, बल्कि लोगों की निजता में एक अनुचित हस्तक्षेप है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद – 21 का भी उल्लंघन है।