झारखंडी भाषा साहित्य के पुरोधा थे श्रीनिवास पानुरी 

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झारखंडी भाषा साहित्य के पुरोधा थे श्रीनिवास पानुरी 

डीजे न्यूज, धनबाद: खोरठा के आदिकवि  स्व .श्रीनिवास पानुरी की जयंती बुधवार को लोहारबरवा, बरवाअड्डा में मनाई गई। अतिथियों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर लोहारवरवा में खोरठा कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । अध्यक्षता मदन मोहन तोरण ने की। संचालन खोरठा साहित्यकार व  गीतकार विनय तिवारी ने किया। इस अवसर पर खोरठा पत्रिका परासफुल का विमोचन भी किया गया। विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने खोरठा भाषा भाषी को हरसंभव सहयोग करने की बात कही। सिंदरी के पूर्व विधायक आनंद महतो ने कहा कि भाषा के लिए सब को आगे आना होगा। खोरठा गीतकार, कवि,  लेखक विनय तिवारी नें कहा कि खोरठा भाषा की पहचान खोरठा के आदिकवि श्रीनिवास पानुरी की देन है। उन्होंने अपनी  लेखनी से खोरठा साहित्य को समृद्ध किया।  परासफूल पत्रिका के संपादक एवं साहित्यकार महेंद्र प्रबुद्ध ने कविता पाठ किया। नेट इंडिया सुविधा कार्ड्स लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन भोला महतो,   नेतलाल यादव, पुनीत साव, सुलेमान अंसारी, भीम कुमार, सरोज तिवारी, चितरंजन गोप, संजय वर्णवाल, नरसिंह पांडेय, राजेश ओझा, राजकुमार झा, प्रयाग महतो, गणेश चौरसिया, निर्मला देवी, रेखा देवी, आशा देवी, कृष्णा चौरसिया, उत्तम चौरसिया, राजकिशोर पानुरी, रोहित पानुरी, जतिन पानुरी, राहुल पानुरी, राजीव तिवारी , अनमोल चौरसिया, अंशुमान, राजा बाबू, रुद्रप्रताप तिवारी आदि थे।

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