सोहराय और मकर संक्रांति के साथ शिकारी यात्रा का समापन

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सोहराय और मकर संक्रांति के साथ शिकारी यात्रा का समापन

बराकर धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

डीजे न्यूज, पीरटांड़,गिरिडीह :

संथाल समाज का पारंपरिक पर्व सोहराय और मकर संक्रांति का उत्सव मंगलवार को समाप्त हुआ। इन पर्वों के समापन पर क्षेत्र में उत्सव और मेलों का आयोजन किया गया। गिरिडीह के मधुबन और चंपानगर में लगने वाले मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मधुबन का मेला सोमवार से शुरू हो चुका है, जबकि चंपानगर में यह बुधवार से आयोजित होगा।

चंपानगर में राधा-कृष्ण और भोलेनाथ की पूजा के साथ धार्मिक आयोजन किया जाता है। यहां संथाल समाज द्वारा प्रतिमा स्थापित की जाती है और पूजा-अर्चना पंडित रामकिंकर उपाध्याय द्वारा कराई जाती है।

 

बराकर धाम में श्रद्धा और आस्था का संगम:

मकर संक्रांति के अवसर पर बराकर धाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया। मंगलवार सुबह से ही यहां स्नान और पूजा के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बराकर नदी को उत्तरवाहिनी गंगा मानकर श्रद्धालुओं ने स्नान किया और ब्राह्मणों से जल संकल्प कर भोलेनाथ पर जल अर्पित किया।

 

बुधवार को भी बराकर नदी के किनारे स्नान, दान और पिकनिक मनाने के लिए भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। इसके लिए दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगानी शुरू कर दी हैं।

 

शिकारी यात्रा के साथ सोहराय पर्व का समापन:

सोहराय पर्व के समापन पर मंगलवार को संथाल समाज ने परंपरागत शिकारी यात्रा निकाली। इस यात्रा में गांव के प्रमुख व्यक्तियों के साथ बच्चे और युवा तीर-धनुष और टांगी लेकर जंगल की ओर गए। लगभग पांच-छह घंटे जंगल में बिताने के बाद वे शिकार किए गए जंगली जानवरों को लेकर घर लौटे। शिकार को आपस में बांटकर सभी ने अपने-अपने घरों में ले जाकर पर्व का आनंद लिया।

 

इस तरह, क्षेत्र में इन पारंपरिक त्योहारों ने सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बना दिया।

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