आदिवासियों की दुर्दशा के लिए शिबू सोरेन और झामुमो सर्वाधिक दोषी : सालखन मुर्मू
डीजे न्यूज, रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने झामुमो पर बड़ा हमला किया है। कहा है कि
झारखंड के आदिवासियों की दुर्दशा के लिए शिबू सोरेन और झामुमो सर्वाधिक दोषी हैं। कारण, इन्होंने लगभग 50 वर्षों की राजनीति में कभी भी आदिवासी समाज में व्याप्त अंधविश्वास, डायन प्रथा, नशापान, वोट की खरीद बिक्री, ईर्ष्या द्वेष, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, वंशानुगत पारंपरिक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार लाने आदि पर कभी कुछ भी नहीं किया। केवल वोट और नोट के लिए राजनीति की। आदिवासी समाज की तरक्की के लिए राजनीति नहीं की। पिता-पुत्र ने संताली को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने, सरना धर्म कोड की मान्यता, स्थानीयता नीति, न्यायसंगत आरक्षण नीति, नियोजन नीति, विस्थापन के खिलाफ पुनर्वास नीति बनाने आदि पर भी कुछ नहीं किया है। 23.मार्च 2021 को झारखंड विधानसभा में सीएनटी/ एसपीटी कानून को तोड़कर लैंड पूल बिल भी पास कर दिया है। संताल हूल के महानायक सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या (12.6.2020) के खिलाफ सीबीआई जांच की घोषणा कर मुकर जाना, पुलिस अफसर रूप तिर्की की संदिग्ध मौत के मामले पर आदिवासी विरोधी रवैया अपनाना, प्रमाणित करता है हेमंत सरकार को आदिवासी से कोई लेना देना नहीं है। उनके लिए मुसलमान और ईसाई वोट बैंक को खुश रखना मजबूरी है। भले ही सरना आदिवासी समाज बर्बाद हो जाय। गांव-गांव में विद्यमान माझी परगना व्यवस्था या ट्राईबल सेल्फ रूल सिस्टम जाने -अनजाने नासमझी, स्वार्थ और लोभ- लालच में आदिवासी गांव समाज को खुद नेस्तनाबूत करने में सक्रिय हैं। झामुमो और माझी परगना महाल आदि की मिलीभगत आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी के लिए बड़ी खतरा बन चुका है। आदिवासी सेंगेल अभियान इस खतरनाक जानलेवा नापाक गठजोड़ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बाध्य है। सालखन मुर्मू ने आरोप लगाया कि झामुमो ने पहले झारखंड को बेचा और अब संताल परगना को वोट और नोट के लिए बेच रहे हैं। संताल परगना और अन्य जगहों पर जिस प्रकार आदिवासी महिलाओं के साथ अन्याय, अत्याचार, शोषण हो रहा है। उसके लिए पिता पुत्र दोषी हैं। सवाल किया कि माझी परगना महाल चुप कयों है ?
आज दुमका जिले में 3 महिलाओं के ऊपर हुई बर्बरतापूर्ण घटना और लोहरदगा ज़िले की घटना के बिरोध में आदिवासी सेंगेल अभियान 5 प्रदेशों के लगभग 50 ज़िलों में संदिग्ध अपराधियों का पुतला दहन कर विरोध दर्ज करेगा। महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेज कर न्याय की मांग करेगा।