नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भपात में सात दोषी करार
नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भपात में सात दोषी करार
पंचायत में पीड़िता और उसके पिता को सजा सुनाने वाले पंचों एवं गर्भपात कराने वाले डाक्टर को भी अदालत ने दोषी करार दिया, 19 को सुनाई जाएगी सजा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने फिर पंचायत से तुगलकी फरमान सुनाकर जबरन गर्भपात कराने के मामले में गिरिडीह की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है।मंगलवार को पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश यशवंत प्रकाश की अदालत ने इस मामले में दुष्कर्मी और गर्भपात कराने वाले डॉक्टर के साथ पंचायत में जबरन दबाब बनाने वाले पांच लोगों कुल सात लोगों को दोषी पाया है। दोषी पाए गए अभियुक्तों में दुष्कर्मी शिवनारायण सिंह, गर्भपात कराने वाले कथित डॉक्टर यूसुफ आलम, पंचायत कराने और दबाब देकर गर्भपात कराने वाले ग्रामीण डेगनारायन महतो, भोला सिंह, सोमर सिंह, टेकलाल महतो और मनोज कुमार महतो शामिल हैं। इस मामले में न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में मालती देवी और मनोज महतो को रिहा कर दिया है। दोषी पाया गया शिवनारायण सिंह घटना के बाद से ही जेल में बंद है जबकि अन्य जमानत पर बाहर थे। न्यायालय से दोषी करार दिए जाने के साथ ही सभी को न्यायिक हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इन सभी दोषियों के सजा की बिंदु पर सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
त्योहार पर सहेलियों के साथ नाच रही नाबालिग को उठा कर ले गया था दुष्कर्मी
यह एक ऐसा मामला था जिसमें पीड़िता और उसके पिता को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा था। इस कांड के सूचक पीड़िता के पिता ने निमियाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि उसकी नाबालिग पुत्री अपने सहेलियों के साथ त्योहार पर नाच गा रही थी। इस बीच बिजली चली गई। अंधेरे में शिवनारायण सिंहः उसकी पुत्री को जबरन उठा कर दूसरे जगह ले गया और दुष्कर्म किया। पीड़िता हल्ला नहीं कर सके इसके लिए मुह में कपड़ा डाल दिया था। किसी को बताने पर हत्या की धमकी दी थी। इस घटना के बाद शिवनारायण को जब भी मौका मिलता था, वह पीड़िता को डरा धमकाकर कर दुष्कर्म करता था। इस बीच पीड़िता गर्भवती हो गई। इसकी सूचना उसने अपने घर मे दी। जब उसके घरवालों ने शिवनारायण सिंह से पूछताछ की तो बात बढ़ गई। इस बीच पंचायत कराने वालों की एंट्री हुई।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत हुई चरितार्थ
मामले को लेकर पंचायत हुई। पंचायत ने दुष्कर्मी को दोषी पाकर दो हजार रुपए जुर्माना लगाया और एक सौ एक बार उठा बैठक को कहा गया। साथ ही पंचायत ने पीड़िता के पिता को दस हजार रुपये जुर्माना और पीड़िता को 21 बार उठा बैठक की सजा सुना दी गई। इतना ही नहीं पंचायत ने पीड़िता का जबरन गर्भपात यूसुफ आलम के क्लिनिक में कराया। इस पडताड़ना से तंग आकर पीड़िता के पिता ने पुलिस से गुहार लगाई थी।
पीड़िता ने न्यायालय में सुनाई थी अपबीति
इस मामले में अभियोजन ने तकनीकी रूप से कई कार्य किए। पीपी सुधीर कुमार ने जहां नौ गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की वहीं पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना को न्यायालय में सुनाया। बताया कि मुखिया, उपमुखिया टेकलाल महतो, पंचायत समिति सदस्य समेत अन्य ग्रामीणों ने दुष्कर्म के बाद कैसे दबाब बनाया था। अनुसंधानकर्ता अमरनाथ ने सभी कड़ी को साथ जोड़ा था।