पूर्वी टुंडी में संस्कारयुक्त शिक्षा व उन्नत कृषि पर विचार संगोष्ठी
पूर्वी टुंडी में संस्कारयुक्त शिक्षा व उन्नत कृषि पर विचार संगोष्ठी
डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : शाश्वत वाटिका शंकरडीह में ग्रामोदय चेतना संवाद के तहत एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में गुणवत्तापूर्ण संस्कारयुक्त शिक्षा और उन्नत कृषि पर चर्चा की गई। निरसा, कलियासोल, तोपचांची, गोविन्दपुर, टुंडी और पूर्वी टुंडी के प्रबुद्धजन, किसान, समाजसेवी, व्यवसायी, शिक्षा प्रेमी, आँगनबाड़ी सेविका-सहायिका और स्वास्थ्य सहिया आदि कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो उपस्थित हुए। विधायक का स्वागत चेतना शोध संस्थान के संस्थापक शैलेन्द्र सिंह ने शॉल ओढ़ाकर किया। गोष्ठी की शुरुआत में चेतना शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य दिवंगत पोदो मरांडी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
तोपचांची के प्रखंड प्रमुख आनंद महतो ने कहा कि व्यक्तिगत लालच त्याग कर ही समाज में परिवर्तन संभव है। बच्चों में संस्कार पैदा करने के लिए अभिभावकों को संस्कारयुक्त होना पड़ेगा और नशे को उन्होंने संस्कार में कमी का एक कारण बताया। शिक्षक कनक कांति मेहता ने संस्कारयुक्त शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देना बहुत जरूरी है। इसके लिए स्कूलों में विशेष कक्षाओं का आयोजन होना चाहिए।
बड़तोल के किसान मधुसूदन राय ने कृषि के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एक रुपये किलो चावल देने की योजना ने किसानों का मनोबल गिराया है।
मुख्य अतिथि विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर और जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के कुशल और अनुभवी किसानों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार की जाए और सरकार सिंचाई से लेकर उत्पादन और मार्केटिंग तक की व्यवस्था करेगी। विधायक ने कहा कि शिक्षा में संस्कार लाने के लिए निजी विद्यालयों से दूरी बनानी पड़ेगी और मजदूरों का हर चौक-चौराहे पर नगद में बिकना भी कृषि से दूर भागने का एक कारण है। उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए रोजगार से जोड़ने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में आध्यात्मिक संत हंसानंद गिरीजी ने भी संस्कारयुक्त शिक्षा पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन दिगन्त पथ के संस्थापक शैलेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी महेन्द्र अग्रवाल, किरिट चौहान, तारापदो धीवर, विकास फोरम के एस एन लाल त्यागी, बासुदेव गोस्वामी, रमेश रुज, डॉ. गौरांग भारद्वाज, अरुण कुमार महतो, सरोज महतो, श्यामपद मंडल, साधन चक्रवर्ती, प्रसुन हेम्ब्रम, विश्वनाथ हांसदा, रविंद्र टुडू, यादव सेन, अनिल मुर्मू, निशांत मरांडी, दिलीप टुडू और रीता दत्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।