गवाहों और उनके परिजनों की सुरक्षा महत्वपूर्ण : एसपी

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गवाह संरक्षण योजना 2019 के प्रभावी होने से कई तरह के लाभ होंगे। गवाहों की पहचान गुप्त रहेगी, वाद के अन्वेषण के क्रम में गवाहों के परीक्षण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, टेलीफोन व अन्य तकनीकी साधनों की मदद ली जाएगी।

डीजे न्यूज, गिरिडीह : पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने बताया कि राज्य में गवाहों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए झारखंड राज्य गवाह संरक्षण योजना 2019 को लागू किया गया है। झारखंड गवाह संरक्षण योजना 2019 को पहले ही अधिसूचित और मुद्रित किया जा चुका है। इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करना है। जिले स्तर पर इसके बारे में प्रचार-प्रसार किया जाना है। जिलों के पुलिस अधीक्षक स्तर से इसके बारे में जागरूकता अभियान आरंभ है। इसके जरिये बताया जा रहा है कि गवाहों और उसके परिजनों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उसकी पहचान गुप्त रखने, उसकी सुरक्षा के अलावा अन्य पहलुओं पर भी स्थानीय पुलिस से मदद मिलेगी। यहां तक की गवाहों के पुनर्वास या नया पेशा अथवा बिजनेस शुरू करने को भी सरकार के स्तर से वित्तीय सहायता या अनुदान दिया जा सकता है। योजना की आवश्यकता के अनुसार किए जाने वाले कार्यों के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, गवाह संरक्षण कोष को राज्य सरकार द्वारा लागू किया जाना है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गवाह संरक्षण योजना 2019 के प्रभावी होने से कई तरह के लाभ होंगे। गवाहों की पहचान गुप्त रहेगी, वाद के अन्वेषण के क्रम में गवाहों के परीक्षण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, टेलीफोन व अन्य तकनीकी साधनों की मदद ली जाएगी। गवाहों की पहचान छिपाकर बदले नाम या पहचान चिह्न के आधार पर संबोधित किया जायेगा। गवाहों और उनके परिजनों को आवश्यकता के अनुसार नजदीक के शहर या स्थान पर अस्थायी निवास की व्यवस्था की जाएगी। गवाही के क्रम में सरकारी वाहन से पूरी सुरक्षा के साथ कोर्ट में लाने और वापस ले जाने की व्यवस्था होगी। गवाहों और अपराधियों के कोर्ट तक आने-जाने को अलग-अलग रूट की व्यवस्था होगी। गवाहों के घर के आसपास एवं घरों पर सतत गश्ती की व्यवस्था की जायेगी। अगर किसी गवाह और उसके परिजन को खतरा महसूस होगा तो वह निकटवर्ती थाना को सूचना देकर मदद ले सकता हैं।

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