निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नियोजन स्थानीय को देना करें सुनिश्चित : सचिव
डीजे न्यूज, धनबाद : शुक्रवार को श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, अवर प्रादेशिक नियोजनालय धनबाद द्वारा न्यू टाउन हॉल में अप्रेंटिसशिप एक्ट एवं झारखंड सरकार के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस दौरान संबंधित अधिनियम एवं नियमावली के तहत राज्यान्तर्गत वैसे सभी प्रतिष्ठान यथा खदान, उपक्रम, उद्योग, कंपनी, सोसाइटी, न्यास, समिति, दायित्व भागीदारी फर्म, संस्था या प्रोप्राइटरशिप, जहां 10 या 10 से अधिक कार्यबल कार्यरत है, को झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 का अनुपालन करने पर जोर दिया गया।
इसके तहत प्रत्येक नियोक्ता के लिए 40 हजार से कम सकल मासिक वेतन, मेहनताना या मजदूरी वाले पद, जो अधिसूचना की तिथि को रिक्त हों, को कुल रिक्ति का 75% पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करने का प्रावधान है।
सचिव, श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, राजेश शर्मा एवं उपायुक्त संदीप सिंह, श्रम आयुक्त रंजीत कुमार, सहायक श्रम आयुक्त एवं जिला कौशल पदाधिकारी प्रवीण कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी आनंद कुमार एवं अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
कार्यशाला के दौरान श्रम सचिव राजेश शर्मा ने सभी उपस्थित नियोक्ताओं को अप्रेंटीशिप एक्ट तथा झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के अनुपालन हेतु उचित सुझाव देते हुए इसका यथाशीघ्र पूर्ण रूप से अनुपालन करने हेतु निर्देश दिया।
उन्होने इस संदर्भ मे यह भी कहा की जो नियोक्ता जान बुझ कर निबंधन तथा इस नियमावली का अनुपालन नही करते है वैसी स्थिति में उनपर नियमानुसार दण्डात्मक कारवाई की जायेगी। इस एक्ट का पूर्ण रूप से अनुपलान करने से झारखण्ड राज्य में बेरोजगार युवको को स्थानीयस्तर पर रोजगार उपलब्ध कराते हुए उसे अन्यत्र पलायन से रोका जा सकेगा। जिससे झारखण्ड राज्य का पूर्ण रुपेण विकास संभव है।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का मूल उद्देश्य है कि उद्योग विकास के साथ-साथ लोगों का भी विकास हो सके। इस अधिनियत से बेरोजगारी की समस्या और पलायन काफी हद तक खत्म होगा और जिले का विकास होगा।
उपायुक्त संदीप सिंह ने झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के अनुपालन हेतु सभी नियोक्ता को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि इस नियम के संदर्भ में किसी भी नियोक्ताओं को स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एवं अन्य किसी प्रकार की कठिनाई होती है तो उससे मुझे भी अवगत कराये ताकि उनकी समस्या का निराकरण ससमय किया जा सके।
इस दौरान आए हुए लगभग 400 नियोक्ताओं, इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को बताया गया कि किस प्रकार स्थानीय नीति के तहत 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों नियोजन दिलाया जा सकता है तथा कैसे उद्योगों में अधिक से अधिक अप्रेंटिसशिप एक्ट को कार्यान्वित किया जा सकता है। साथ ही सरकारी योजनाओं को बेहतर ढंग से कार्यान्वित करने के तकनीकी तरीके बताए गए। मौके पर उन्हें तकनीकी रूप से क्या तरीका अपनाया जा सकता है यह सिखाया गया।
मौके पर श्रम सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त संदीप सिंह, श्रम आयुक्त रंजीत कुमार, सहायक श्रम आयुक्त एवं जिला कौशल पदाधिकारी प्रवीण कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी आनंद कुमार निजी क्षेत्र के प्रतिस्थान के नियोक्ता, चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव, बीसीसीएल, टाटा स्टील, एसीसी, हर्ल समेत कई कंपनी के पदाधिकारी, सदस्य समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।
झारखंड राज्य के निजी क्षेत्रों में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022
संबंधित अधिनियम एवं नियमावली के तहत राज्यान्तर्गत वैसे सभी प्रतिष्ठान यथा खदान, उपक्रम, उद्योग, कंपनी, सोसाइटी, न्यास, समिति, दायित्व भागीदारी फर्म, संस्था या प्रोप्राइटरशिप, जहां 10 या उससे अधिक कार्यबल कार्यरत है, को झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 का अनुपालन करना अनिवार्य है।
सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों एवं उपकरणों में बाह्यश्रोत से सेवा प्रदाता संस्थाएं एवं संवेदक/ वेडर इत्यादि भी इस अधिनियम के दायरे में आते हैं।
इसके तहत प्रत्येक नियोक्ता के लिए 40 हजार से अनधिक तक सकल मासिक वेतन, मेहनताना या मजदूरी वाले पद, जो अधिसूचना की तिथि को रिक्त हों, को कुल रिक्ति का 75% पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करने का प्रावधान है।
उपरोक्त अधिनियम 12 सितंबर 2022 की तिथि से प्रभावी है।
अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचना के उपरांत सभी पात्र प्रतिष्ठानों संस्थानों को संबंधित जिला नियोजनालय में निबंधन करना अनिवार्य है
इसके अंतर्गत प्राधिकृत पदाधिकारी संबंधित क्षेत्र के जिला नियोजन पदाधिकारी/ नियोजन पदाधिकारी, अभिहित पदाधिकारी के रूप में संबंधित जिले के उपायुक्त एवं अपीलीय पदाधिकारी निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण, झारखंड सरकार है।
स्थानीय उम्मीदवारों की पहचान हेतु झारखंड सरकार के सक्षम प्राधिकारों द्वारा निर्गत स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र वैद्य होगा।
इसके तहत नियोक्ता द्वारा 40 हजार से अनधिक कुल वेतन/ परिश्रमिक या मेहनताना पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का प्राधिकृत पदाधिकारी के कार्यालय में /अभिहित पोर्टल में ऑनलाइन निबंधन कराना अनिवार्य है।
वर्तमान में ऑनलाइन निबंधन की सुविधा उपलब्ध है इसके लिए अभिहित पोर्टल(http://jharniyojan.jharkhand.gov.in) है।
इसके माध्यम से निबंधन के साथ-साथ रिक्तियों की सूचना प्रपत्र II, त्रेयमासिका प्रतिवेदन – प्रपत्र IV एवं अन्य संबंधित कार्य किया जा सकता है।
इसके अंतर्गत सर्वप्रथम विस्थापितों को नियोजन देना है तत्पश्चात अन्य स्थानीय निवासियों को नियोजन प्रदान की जाएगी।
नियोक्ता अनिवार्य रूप से प्रत्येक कर्मचारी की स्थानीय प्रस्थिती से संबंधित अभिलेखों का संधारण करेंगे।
यदि किसी संस्थान को योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता है तो वह छूट हेतु प्रपत्र 3 में आवेदन देंगे ।
छूट का प्रावधान
– बहाली के लिए रिक्तियों के 3 गुना व्यक्ति को बुलाना अनिवार्य होगा
– बहाली की पूरी प्रक्रिया कम से कम एक बार पूर्ण होनी चाहिए
– 4 या उससे कम रिक्तियों की स्थिति में प्राधिकृत पदाधिकारी को छूट देने का अधिकार होगा
– 4 से 15 रिक्तियों की स्थिति में जांच समिति निर्णय लेगी
– 15 से अधिक रिक्तियों की स्थिति में नियोक्ता को कौशल प्रशिक्षण हेतु अनुशंसा की जा सकती है
प्रतिवेदन – प्रत्येक नियोक्ता को प्राधिकृत पदाधिकारी को ऑफलाइन /अभिहित पोर्टल में ऑनलाइन के माध्यम से त्रैमासिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य है
जांच – प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा 7 दिन की नोटिस देने के उपरांत नियोक्त द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के संदर्भ में जांच की जा सकती है जिसमें उनके द्वारा (a) स्थानीय परिस्थिति पंजी (b) भुगतान पंजी (c)उपस्थिति पंजी /मास्टर रोल (d) रिटर्न/ प्रतिवेदन (e)अन्य संबंधित अभिलेखों की जांच की जाएगी एवं उन्हें इस संबंध में नियमानुसार आदेश पारित करने का अधिकार होगा
अपील – प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश के व्यथित नियोक्ता 60 दिनों के अंदर अपीलीय पदाधिकारी को अपील कर सकता है जिसका निपटारा तय समय सीमा 60 दिनों में सुनिश्चित किया जाएगा