एसबीआई का यूनो एप अपने आप में संपूर्ण बैंक जो एक मोबाइल पर चलता है : डीजीएम

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डीजे न्यूज, धनबाद : एसबीआई के डीजीएम विजय कुमार ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का यूनो एप अपने आप में संपूर्ण बैंक है, जो एक मोबाइल पर चलता है। ग्राहक इससे समस्त बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। उक्त बातें उन्होंने बुधवार रात धनबाद के एक होटल में ए बैंकर्स लर्निंग ओडिसी नामक पुस्तक के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि पद से कही। डीजीएम ने कहा कि बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में यह पुस्तक काफी उपयोगी है। इसका लेखन एसबीआई के अवकाश प्राप्त डीजीएम राजीव रंजन ने किया है। उन्होंने एसबीआई की 34 वर्षों की सेवा में प्राप्त अनुभवों के आधार पर इस महत्वपूर्ण पुस्तक की रचना की है । यह बैंकिंग सेक्टर के अधिकारियों एवं कर्मियों को काफी लाभ पहुंचाएगा। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक राजीव रंजन ने कहा कि यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है तथा पेपरबैक में भी। उन्होंने 1974 में एसबीआई में सेवा शुरू की थी और विदेश की भी कई शाखाओं में काम करने का मौका मिला और अपने अनुभव के आधार पर इस पुस्तक को रचा है। वरीय अधिवक्ता जया कुमार ने पुस्तक की खूबियां सामने रखी। कड़ी मेहनत के बाद इसकी रचना के लिए लेखक का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर एजीएम दिवाकर प्रसाद सिंह, आरएम निर्मल कुमार, बिंदी रंजन, डॉ अनिल कुमार, डॉ अभिनव अनिल, एसएन लाल त्यागी, अनिल कुमार सिंह समेत एसबीआई के बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे।वर्ष 2021 में बैंकों द्वारा दी गई कर्ज राशि वसूली के लिए भारत सरकार द्वारा बनाई गई एनएआरसीएल कानून में राजीव रंजन की है बड़ी भूमिका है। भारत में बड़े बकायेदारों से कर्ज की राशि वसूली के लिए सरफेसी एक्ट बना हुआ था, परंतु कंपनी दिवालिया होने के बहाने बैंक को राशि वापस नहीं करती थी जबकि अमेरिका समेत विदेशों में दिवालिया होने के बाद भी वसूली के प्रावधान थे । राजीव रंजन जब अमेरिका के एसबीआई में थे तो उन्होंने इस कानून को निकट से देखा था और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेश की तरह यहां भी कानून बनाने की सलाह दी थी । इसके बाद प्रधानमंत्री द्वारा गठित टीम ने इसमें काफी विचार विमर्श किया और 2021 में एनएआरसीएल कानून बनाया, जो सरफेसी एक्ट से ज्यादा प्रभावित हुआ और दिवालिया घोषित होने के बाद की राशि डूबने वाली कंपनियों ने भी बैंकों को कर्ज की राशि देना शुरू कर दिया। बड़ा कर्ज वसूली के लिए यह कानून काफी प्रभावी साबित हुआ है।

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