चारों सदनों में प्रतिनिधित्व करने वाले नेता बने सरफराज अहमद

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चारों सदनों में प्रतिनिधित्व करने वाले नेता बने सरफराज अहमद

बिहार विधान परिषद, बिहार और झारखंड विधानसभा के बाद राज्यसभा के भी बने सदस्य  

डीजे न्यूज, गिरिडीह : राज्यसभा चुनाव में झारखंड से सदस्य बने सरफराज अहमद

वर्ष 1980 में गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा क्षेत्र (अब का झारखंड) से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ कर पहली बार विधायक और राज्य के उप शिक्षा राज्य मंत्री बने थे। इसके बाद वर्ष 1984 में देश मे हुए आम चुनाव में वे गिरिडीह लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव लड़े जीत कर लोकसभा के सदस्य बने। इसके बाद वह वर्ष 1997 में बिहार विधान परिषद के सदस्य भी बने। वही वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य के गठन के बाद वर्ष 2005 में कांग्रेस पार्टी की झामुमो से गठबंधन के तहत गांडेय सीट झामुमो कोटे में जाने के बाद डॉ सरफराज अहमद ने राजद की टिकट पर चुनाव लड़े थे और झामुमो उम्मीदवार सालखन सोरेन (अब स्वर्गीय) को कड़ी टक्कर दी थी और मात्र1500 से कम वोटों से चुनाव में हार का सामना किये थे। वहीं 2010 के चुनाव में कांग्रेस-झाविमो गठबंधन के तहत चुनाव लड़े और झारखंड विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। वर्तमान में वह झारखंड विधानसभा के सदस्य झामुमो से थे। 2019 के चुनाव उन्होंने झामुमो के टिकट से लड़ा था,लेकिन राज्य की बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बीच उन्होंने 31 दिसंबर 2023 को विधायक पद से त्याग पत्र दे दिया था।

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अलग झारखंड राज्य अलग होने के बाद राज्य में हो रहे राज्यसभा चुनाव के लिए उस वक्त झामुमो से शिबू सोरेन उम्मीदवार थे वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस से डॉ सरफराज अहमद। आखिरी वक्त पर करीबी मुकाबला में शिबू सोरेन के हाथों डॉ अहमद को पराजित होना पड़ा था। उस वक्त बगोदर से विधायक कॉमरेड महेंद्र सिंह थे। राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग को बढावा न देने के लिए उस वक्त वह चुनाव से दूर रहे थे।

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