हेमंत-बाबूलाल को सरना धर्म कोड जनसभा के लिए सालखन ने किया आमंत्रित
हेमंत-बाबूलाल को सरना धर्म कोड जनसभा के लिए सालखन ने किया आमंत्रित
ईसाई बने आदिवासियों को रिझाने के लिए हो रही सरना आदिवासी धर्म कोड की बात : सालखन
आठ नवंबर को रांची में होगी सरना धर्म कोड की जनसभा, कई राज्यों के आदिवासियों का होगा जुटान
डीजे न्यूज, मालदा (बंगाल) : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों के सरना धर्म (प्रकृति धर्म) तथा आदिवासी आबादी का 38% से 26% घटने की चिंता और समाधान के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जो प्रशंसनीय है। मगर वोट बैंक के लिए ईसाई बने आदिवासियों को रिझाने के लिए सरना धर्म कोड की जगह ” सरना आदिवासी धर्म कोड ” की बात करना धर्म से ज्यादा वोट की चिंता को जाहिर करता है। दूसरी तरफ आदिवासियों के ईश्वर “मरांग बुरु ” को जैनों को सौंप देना आदिवासियों के साथ एक बड़ी धोखेबाजी है। सालखन मुर्मू ने यह बातें यहां पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
उन्होंने कहा कि
आदिवासी सेंगेल अभियान 8 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड जनसभा का विशाल आयोजन कर रहा है। इसमें देश विदेश के प्रकृति धर्म समर्थक आदिवासी लाखों की संख्या में शामिल होंगे। पार्टी स्वार्थों को छोड़ आदिवासी समाज हित में यदि हेमंत सोरेन विशाल सरना धर्म कोड जनसभा, रांची में शामिल होना चाहेंगे तो सेंगेल उनका स्वागत करेगा। दूसरी तरफ सरना धर्म के लिए बाबूलाल मरांडी का भी स्वागत है। सेंगेल का नारा है- कोड दो, आदिवासी का वोट लो।
फिलवक्त बंगाल, बिहार, असम प्रदेशों में सेंगेल द्वारा सरना धर्म जागरण सभाओं का दौर चल रहा है। आदिवासी प्रकृति पूजक हैं, मूर्ति पूजक नहीं। आदिवासी हिन्दू, मुसलमान, ईसाई आदि नहीं हैं। उन्हें 2023 में सरना धर्म कोड लेना होगा,देना होगा। अक्टूबर 1, 4 और 6,7,8 को क्रमशः डिब्रूगढ़, कोकराझाड़ और किशनगंज, कटिहार, उत्तर दिनाजपुर में सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू जनसभाओं को संबोधित करेंगे।