शस्त्र पूजा के साथ आरएसएस ने मनाया विजयादशमी उत्सव, नगर भ्रमण में पुष्प वर्षा
अजय राणा, गिरिडीह :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गिरिडीह अनुमंडल का विजयादशमी उत्सव श्याम मंदिर में गुरुवार को मनाया गया।
उत्सव की शुरुआत प्रांत शारीरिक प्रमुख कुणाल, विभाग संघचालक अर्जुन मिष्टटकार एवं जिला संघचालक बृजनंदन प्रसाद ने संयुक्त रुप से मां दुर्गा एवं भारत माता की छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित कर शस्त्र पूजन के साथ किया गया।
इसके बाद पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों का पथ संचलन एसएसवीएम बरगंडा से शुरू हुआ।सभी नगर के प्रमुख मार्गो से गीत गाते हुए और कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। संचलन के दौरान विभिन्न स्थानों पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वयंसेवकों पर पुष्प वृष्टि की गई। संचलन बाद में श्याम मंदिर में संघ समागम में परिवर्तित हो गया।
प्रांत शारीरिक प्रमुख कुणाल ने कहा कि अभी नवरात्रि का उत्सव चल रहा है। नवरात्रि के समापन यानी विजयादशमी को वर्ष 1925 में परम पूज्य डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना नागपुर में की थी। तीन वर्ष के बाद संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है।
साथ ही उन्होंने ने कहा कि संघ हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के लिए समर्पित है। संगठन की पहचान इसकी नित्य शाखा है। शाखा में होने वाले छोटे-छोटे कार्यक्रमों के माध्यम से ही कार्यकर्ता का निर्माण होता है। यही कार्यकर्ता देश को सही दिशा और दशा देते हैं। कार्यक्रम के दौरान हो रही तेज बारिश का उदाहरण देते हुए कहा कि आज इस वर्षा में भी कार्यक्रम अपने नियत समय और स्थान पर संपन्न हुआ। एक भी स्वयंसेवक ने कार्यक्रम रद्द होगा का भाव इस प्रकृति अवरोध पर नहीं सोचा। जिसके बाद उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना किसी के विरोध में नहीं हुई बल्कि राष्ट्र एवं संस्कृति की रक्षा के लिए हुआ है। आज विश्व की मानवता भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। संघ विकट परिस्थितियों में भी अपना कार्य पूरी जिम्मेवारी के साथ स्वयंसेवकों के बल पर करता आ रहा है।
मौके पर विभाग प्रचारक आशुतोष,सह विभाग कार्यवाह मुकेश रंजन सिंह, विभाग व्यवस्था प्रमुख संजीव शर्मा, राजेश शर्मा, नलिन कुमार, धर्मवीर, सचिन बर्मन, संदीप खंडेलवाल, संतोष खत्री, सोनू गुप्ता,शुभेंदु चंदन,अरविंद त्रिवेदी डॉ सतीश्वर प्र सिन्हा,प्रदीप जैन, दिनेश यादव,अनूप यादव,शिवकुमार चौधरी,विनोद केसरी एवं अनेक संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे। अंत में संघ प्रार्थना के साथ उत्सव का समापन हुआ।