झारखंड स्थापना दिवस पर गरीबी के अभिशाप को मिटाने का संकल्प

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डीजे न्यूज, रांची :
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ-साथ वीरों की भूमि रही है। आज 15 नवंबर का दिन सिर्फ स्थापना दिवस के लिए नहीं बल्कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है। लम्बे समय से अलग झारखंड राज्य की मांग थी। हमारे पूर्वजों ने सदियों से झारखंड वासियों के हक, अधिकार और मांग को लेकर संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों ने यहां के लोगों के अस्तित्व और सम्मान के लिए अनेकों लड़ाइयां लड़ी। न कभी रुके न कभी थके। आज हम सभी के बीच शिबू सोरेन मंच पर उपस्थित हैं। गुरु जी के नेतृत्व में अलग राज्य की परिकल्पना को पूरा किया जा सका था। झारखंड खनिज संपदा को लेकर देश और दुनिया में एक अलग पहचान रखता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में कहीं।

सभी समस्याओं का समाधान कर रही सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 वर्ष में कई सरकारें बनी लेकिन इस राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़ों की समस्याएं यथावत रहीं। पूर्ववर्ती सरकारों ने राज्य की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी राज्यवासियों के आशीर्वाद और सहयोग से हमारी सरकार ने इस राज्य में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए एक राजनीतिक जंग को जीता और दिसंबर 2019 में राज्य में आपकी अपनी सरकार बनी। इतनी मजबूत सरकार विगत 20 वर्ष में कभी देखने को नहीं मिली। हां यह बात जरूर है कि सरकारें बनी और चली लेकिन समस्या का समाधान न के बराबर हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने सरकार बनाया, इस आशा और उम्मीद के साथ कि 5 साल में इस राज्य की छोटी-बड़ी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन सरकार बनते ही कोरोना जैसे वैश्विक महामारी से हम लोग घिर गए। दो वर्ष का समय जाया हुआ। कोरोना संक्रमण काल के समय झारखंड सहित पूरे देश में हाट-बाजार, गाड़ी- घोड़ा, बड़ी-बड़ी कंपनियां, रोजगार के अन्य साधन सब कुछ बंद हो गए। ऐसी स्थिति में देश का सबसे पिछड़ा राज्य झारखंड की स्थिति कैसी थी यह आप सभी लोग जानते हैं। लेकिन राज्य के लोगों की सहनशीलता और राज्य सरकार की सकारात्मक कार्यशैली से विपरीत स्थिति में भी हमने कोरोना की जंग को जीतने का काम कर दिखाया।

किसान परिवारों को देंगे सूखा राहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसे ही घटा, राज्य में एक और आपदा के रूप में सुखाड़ की समस्या आ खड़ी हुई। राज्य सरकार ने 226 प्रखंडों को चिन्हित कर सूखाग्रस्त घोषित करने का काम किया है। राज्य के किसानों को किस तरह राहत पहुंचाई जा सके, इस निमित्त कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो किसानों को समय पर खाद और बीज नहीं मिलते थे परंतु इस बार हमारी सरकार ने समय से पहले किसान भाइयों को खाद और बीज उपलब्ध कराने का काम किया लेकिन बारिश ने साथ नहीं दिया। स्थिति यह हुई कि आप राज्य सुखाड़ की चपेट में है। ऐसी चुनौती भरी स्थिति में भी हमारी सरकार ने किसी को हतोत्साहित नहीं होने दिया और किसान तथा जरूरतमंद लोगों के लिए कई योजनाएं बनाई। इन योजनाओं का लाभ और किसान भाइयों को मिल रहा है। हमारी सरकार ने राज्य के चिन्हित सूखाग्रस्त 226 प्रखंडों में लगभग 31 लाख किसान परिवारों को सूखा राहत हेतु 3500 रुपए की राशि तत्काल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

गरीबी-पिछड़ापन करेंगे दूर

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में जो गरीबी और पिछड़ापन है , वह किसी अभिशाप से कम नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी सरकार आपके दरवाजे पर जाकर आपको ऋण मुहैया करा रही है। आपके लिए स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त कर रही है। रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार आपको अनुदान भी दे रही है। सरकार ने ऐसी कार्य योजना बनाई ताकि झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। यहां के लोगों की जरूरतों के अनुरूप योजनाओं का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जड़ को मजबूत करने में लगी है। जड़ मजबूत होगा तभी पेड़ भी मजबूती से खड़ा रहेगा। राज्य में जो गरीबी कुंडली मार कर बैठा है उसे धक्का मारकर बाहर करना है।

नियुक्ति प्रक्रियाओं में आयी तेजी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप की योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार के तहत पंचायत-पंचायत, गांव-गांव में शिविर का आयोजन किया गया। 20 वर्ष में किसी भी सरकार ने इस तरह के शिविर के आयोजन को नहीं देखा होगा। गांव में शिविर लगाकर यहां के लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आमजनों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी कर्मियों सहित कई वर्गों के समस्याओं का निदान करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया लगातार चल रही है। जेपीएससी के माध्यम से भी नियुक्तियां हुई हैं। पिछले दिनों झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से राज्य के 250 बच्चे-बच्चियों को अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों में 32 बच्चे ऐसे हैं जो बीपीएल परिवार से थे। इन 32 बच्चों में किसी के माता-पिता मजदूर तो किसी के माता-पिता किसान थे। ऐसे वर्गों के बच्चे बच्चियां राज्य सेवा में चयनित होकर अपने मां-बाप का नाम रोशन कर दिखाया है।

बच्चियों को दे रहे अधिकार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है। हमने विशेषकर बच्चियों के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना शुरू की है। हमारी सरकार ने इस योजना से राज्य की 9 लाख बच्चियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के तहत बच्चियों को लाभ दिया जा रहा है और 18 वर्ष पूर्ण होने पर उन्हें एक मुश्त 40 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। हम ऐसी योजना बनाने जा रहे हैं जिसमें जो बच्चियां इंजीनियर, डॉक्टर, वकील आदि बनना चाहती हैं उनकी पढ़ाई का सारा खर्च राज्य सरकार वाहन करेगी। उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार छात्र-छात्राओं को मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में झारखंड पहला ऐसा राज्य है जहां राज्य सरकार अपने खर्चे पर बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए भी भेज रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने वाली पीढ़ी की नींव मजबूत करना चाहती है ताकि वह खुद अपना विकास करें और इस राज्य के विकास में भी अपना योगदान दे।

54 लाख आवेदन प्राप्त हुए , 35 लाख का निष्पादन शिविरों में हो चुका है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी योजना- आपकी सरकार-आपके द्वार को लेकर विशेष अभियान का संचालन किया गया था लेकिन लोगों को योजनाओं का लाभ देने की प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी। जरूरतमंद लोग प्रखंड कार्यालय आकर इन योजनाओं का लाभ जरूर लें। योजनाओं से जोड़ने के अतिरिक्त शिविर का आयोजन ग्रामीणों के बीच जागरूकता का संचार करना भी था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान में 54 लाख आवेदन सरकार को प्राप्त हुए । इनमे से 35 लाख आवेदन का निष्पादन शिविरों के माध्यम से ही कर दिया है।

अपनी ताकत और अपने भरोसे राज्य को खड़ा करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको आश्वस्त करता हूं जिस तरह 20 वर्ष इस राज्य को भगवान भरोसे छोड़ दिया। आपका आशीर्वाद रहा तो आने वाले समय में यह राज्य भगवान के भरोसे नहीं बल्कि अपने भरोसे पर खड़ा होगा और अपनी ताकत पर खड़ा होगा। हमारी सरकार ने गरीबी और अशिक्षा को दूर करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वृहद पैमाने पर कार्य करना शुरू कर दिया गया है। हर खेत में पानी पहुंचाने का कार्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान को सुखाड़ से राहत देने के लिए 226 प्रखंडों को हम लोगों ने चिन्हित किया है। कुछ दिनों बाद पुनः गांवों-पंचायतों में शिविर लगाए जाएंगे। जहां 31 लाख किसान का चयन होगा और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

राज्य के लिए ऐतिहासिक मायने रखती है 11 नवंबर की तारीख

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के लिए 11 नवंबर का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन रहा है। 11 नवंबर के दिन ही सीएनटी कानून बना था। 11 नवंबर के दिन ही हमारी सरकार ने सरना धर्म कोड विधेयक को विधानसभा से पारित किया था और 11 नवंबर के दिन ही हमारी सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक पारित करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को आगे बढ़ने, मनोबल एवं स्वाभिमान के साथ जीने का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास हम सब लोग करें।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एवं श्रम, नियोजन तथा प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं अन्य मुद्दों पर अपनी बातें रखीं।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, श्रम, नियोजन तथा प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, राज्यसभा सदस्य महुआ माजी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन सहित कई गणमान्य अतिथि एवं वरीय पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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