दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने की थी आत्महत्या, दुष्कर्मी पांचू मंडल को आजीवन कारावास –प्रेमी के दुष्कर्म करने के बाद पीड़िता ने कर ली थी आत्महत्या
डीजे न्यूज, गिरिडीह : नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और पीड़िता के आत्महत्या को उकसाने में दोषी पाए गए पांचू मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।बुधवार को पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश यशवंत प्रकाश की अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए पांचू मंडल को दुष्कर्म में आजीवन कारावास और आत्महत्या करने के उकसाने में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।दोनों सजा एक साथ चलेगी। साथ ही कुल 25 हज़ार रुपए अर्थदंड जमा करने का आदेश दिया है।जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।इसके पूर्व सजा की बिंदु पर बहस करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश सहाय ने न्यूनतम सजा देने की अपील की।कहा अभियुक्त की पारिवारिक दशा को ध्यान में रखकर सजा सुनाई जाए। एपीपी सुधीर कुमार ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है। क्षमा की कहीं गुंजाइश नहीं है।एक नाबालिग लड़की जिसके माता पिता नहीं थे।अपने प्रेमी पर विश्वास किया।हवस का भूखे दरिंदे की तरह उसका जीवन और अरमान को बर्बाद कर दिया।लोक लज्जा और घटना से व्यथित पीड़िता ने आत्महत्या कर ली।जिसका जिम्मेदार सिर्फ अभियुक्त है।न्यायालय से कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि कड़ी सजा ही समाज मे शांति का संदेश जाएगा।घटना बेंगाबाद थाना क्षेत्र के दो दिसंबर2019 की है।इस कांड के सूचक जो मृतक पीड़िता के चाचा थे,प्राथमिकी दर्ज कराए थे।कहा था कि उसकी भतीजी दो दिसंबर को मेला देखने बुढ़ई गई थी।रात आठ बजे तक नहीं लौटने पर उन्होंने कई बार उसके नम्बर पर फोन किया।रिंग होती रही पर नही उठाई।दूसरे दिन सुबह उसकी भतीजी घर लंगड़ाते हुए लौटी।उसकी छोटी बहन ने पूछा रात में क्यो नही लौटी तो उसने बताया कि उसका प्रेमी रात भर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।उन्होंने मौसी को बुलाने के लिए अपनी छोटी बहन को भेजा।जब दोनों घर आई तो देखा कि वह अपने छत से लगे दीवार में लकड़ी पर अपनी दुपट्टा से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।दुपट्टे को काटकर उसके शव को उतारा गया।इस मामले में अभियोजन के सात गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की।पांचू मंडल घटना के बाद से ही जेल में बंद है।