उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम में गिरिडीह के राजेश उपाध्याय ने लहराया परचम

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उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम में गिरिडीह के राजेश उपाध्याय ने लहराया परचम

हिंदी एवं संस्कृत के प्रचार प्रसार एवं समुन्नति के लिए कृतसंकल्पित हूं : राजेश कुमार उपाध्याय 

संस्कृत विरासत को संजोय रखने का राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा कार्यक्रम
डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह के राजेश कुमार उपाध्याय को उत्तर प्रदेश के उच्च माध्यमिक शिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में एवं संस्कृत गीत गायन के लिए पुरस्कृत किया गया। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में राजेश कुमार उपाध्याय को सम्मानित किया गया। वे संस्कृत एवं हिन्दी भाषा के विशिष्ट जानकार हैं। हिन्दी तथा संस्कृत भाषा के समेकित प्रसार एवं उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य करते हुए विभिन्न पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इसी कड़ी में एक और उपलब्धि जोड़ते हुए संस्कृत संस्थानम द्वारा पिछले दो महीनों से राज्य के सभी जनपद के बच्चों के लिए संस्कृत भाषा की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें उपाध्याय एक निर्णायक के रूप में भाग ले रहे थे। संस्थान के विशेष आग्रह पर 29 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय समापन समारोह में अपने संगीत समूह के सदस्यों अरविन्द कुमार, कुंदन कुमार उपाध्याय, सुनील लाभ एवं भुनेश्वर कुमार साथ वहाँ उपस्थित सैकड़ों विद्वानों के बीच संस्कृत गीत गायन भी किया। उपाध्याय ने कहा कि अपने पिता विनोद कुमार उपाध्याय जो संस्कृत से पीएचडी हैं एवं भाषा शास्त्र के विद्वान हैं, उनके ही मार्गदर्शन में संस्कृत का ज्ञान प्राप्त हुआ है। उसी के बदौलत आज इतना वृहद सम्मान प्राप्त हो पाया है। उन्होंने कहा कि अपने जिला के लिए यह सम्मान प्राप्त कर अत्यंत हर्ष हो रहा है। भविष्य में भी हिंदी एवं संस्कृत का प्रचार प्रसार एवं समुन्नति के लिए कृतसंकल्पित प्रयास करता रहूंगा।

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