आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक कारण जिम्मेवार

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आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक कारण जिम्मेवार 

डीजे न्यूज, धनबाद : जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के स्वस्थ मन स्वस्थ तन के तहत मंगलवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह मनाया गया। जिला एनसीडी कोषांग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल, कालेज तथा कोचिंग संस्थान के विद्यार्थियों को आत्महत्या करने से रोकने के प्रति जागरुक किया गया। क्रियेटिंग होप थ्रू एक्शन की थीम पर सिविल सर्जन डॉ सीपी प्रतापन ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत सहित कई तरह के कारण हो सकते हैं। उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लेने तथा जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखने की ताकीद करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच को जिंदगी जीने का जरिया बनाएं। जिला नोडल पदाधिकारी डॉ मंजू दास ने कहा कि आत्महत्या एक ऐसी समाजिक स्वास्थ्य समस्या है जिसे लोगों के सामाजिक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत के माध्यम से रोका जा सकता है। इस तरह की घटना से परिवार एवं समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने अवसाद ग्रसित लोगों में अपने काम के जरिये उम्मीद पैदा कर जागरुक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में शुभांकर मैत्रा, उमाशंकर मंडल, लालदेव रजक आदि उपस्थित थे।

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