प्रधानमंत्रीजी। आपने बहुत कुछ दिया, लेकिन आदिवासियों की आत्मा सरना धर्म कोड नहीं दी : सालखन
प्रधानमंत्रीजी। आपने बहुत कुछ दिया, लेकिन आदिवासियों की आत्मा सरना धर्म कोड नहीं दी : सालखन
झारखंड और ओडिशा सरकार ले रही आदिवासी विरोधी फैसला
डीजे न्यूज, रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर पधार कर सरना धर्म कोड मान्यता की घोषणा नहीं की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपने बहुत कुछ दिया मगर आत्मा नहीं दिया। आदिवासी सेंगेल अभियान बहुत दुखी है मगर सरना आंदोलन को और तीव्र करेगा। 30 दिसम्बर को भारत बंद करेगा।
मुर्मू ने कहा कि
आज हमने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अवगत किया है कि ओडिशा सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया है कि आदिवासी की जमीन कोई भी ले सकता है। यह असंवैधानिक के साथ आदिवासियों के अस्तित्व पर सीधा हमला है, डेथ वारंट की तरह है। इसे रोकने की कृपा करें।
इसी तर्ज पर कल 16 नवंबर को झारखंड सरकार ने असंवैधानिक रूप से गठित TAC की बैठक बुलाकर सीएनटी/ एसपीटी कानून में आदिवासी जमीन के हस्तांतरण का गलत फैसला लिया है। यह भी आदिवासी अस्तित्व पर हमला है। एक तरफ जहां यह TAC राज्यपाल, झारखंड के अधिकारों को हड़प कर बिना राज्यपाल की सहमति से बनी है, वहीं इसका आदिवासी विरोधी फैसला निंदनीय भी है।
राष्ट्रपति को प्रेषित आज के पत्र में इसकी भी जानकारी देते हुए रोक की मांग की गई है।
ज्ञातव्य हो कि इसी प्रकार के असंवैधानिक गठित TAC में रघुवर दास, तब झारखंड मुख्यमंत्री, की अध्यक्षता में 3 नवंबर को सीएनटी/ एसपीटी कानून का गलत संशोधन कर आदिवासी जमीन को हड़पने का फैसला लिया गया था। जिसको हमने झारखंड हाई कोर्ट में रिट संख्या 6595 / 2016 DV Dated 17.11.16 दायर कर तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के सहयोग से बचाया था।
श्रीमती मल्हो मार्डी, सेंगेल महिला मोर्चा, ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष के साथ 15 नवंबर को अनशन के बीच रायरंगपुर थाना, मयूरभंज उड़ीसा में थाना इंचार्ज रोजलिना बेहरा ने लात जूता, मारपीट और गंदी-गंदी आदिवासी विरोधी गालियां देकर मल्हो मार्डी के साथ बहुत अन्याय,अत्याचार किया है। तब सीसीटीवी को ढक कर रखा गया था। थाना को बंद करके मल्हो मार्डी के साथ भयंकर प्रताड़ना का खेल किया गया। तत्पश्चात मल्हो मार्डी बगल में अवस्थित सरकारी सदर अस्पताल में जाकर इलाज करने को मजबूर हुई।
उपरोक्त जानकारी मिलने पर 16 नवंबर को मयूरभंज में रायरंगपुर के स्थानीय एसडीओ और डीएसपी के साथ मुलाकात किए। जिले के एसपी के साथ फोन में बातचीत की। जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की। आज उड़ीसा के नवनियुक्त राज्यपाल रघुवर दास को पत्र लिखकर उचित जांच कर रायरंगपुर थाना इंचार्ज को एससी/ एसटी उत्पीड़न निरोधी कानून 1989 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने एवं अन्य उचित दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।