व्यवहारिक एवं पूर्णतः लागू करें 2024-25 का श्रम शक्ति बजट: आदित्यनाथ
व्यवहारिक एवं पूर्णतः लागू करें 2024-25 का श्रम शक्ति बजट: आदित्यनाथ
डीजे न्यूज, सिजुआ, धनबाद : कोल माइंस इंजीनियरिंग वर्कर्स एसोसिएशन (सिमेवा) ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, निदेशक कार्मिक एवं सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर मांग किया है कि श्रम शक्ति बजट 2024- 25 जो अभी तक नहीं बन सका है और लागू नहीं हो सका है उसे लागू करने के पूर्व उसमें जितनी भी विसंगतियां हैं उसे दूर किया जाए। इस बाबत एसोसिएशन के बीसीसीएल जोन के महामंत्री आदित्यनाथ झा ने संबंधित अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में कहा है कि किसी भी छोटे बड़े उद्योग या संस्थान में श्रम शक्ति बजट वर्ष के प्रारंभ से ही लागू किया जाता है! इसी आधार पर भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में भी मैनपॉवर बजट सत्र 2024- 25 के लिए 1 अप्रैल 2024 को लागू हो जाना चाहिए था। परंतु अभी तक भारत कोकिंग कोल लिमिटेड 2023 -24 के श्रम शक्ति बजट के आधार पर ही अपने उद्योग को चला रही है। कंपनी अपने स्थापना काल से ही अब तक कभी भी समय से एवं व्यवहारिक श्रम शक्ति बजट नहीं बन सका है और न हीं उसे पूर्णत: लागू कर सका है। परिणाम स्वरुप जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए श्रम शक्ति बजट बनाया जाता है वह कभी भी पूरा नहीं होता है। श्रम शक्ति बजट के अनुसार श्रमिकों का जहां कमी होती है उसकी पूर्ति नहीं की जाती है। यह श्रम शक्ति बजट केवल श्रमिकों को कैरियर ग्रोथ बाधित करने, वर्तमान कार्य के मुताबिक पदनाम एवं वेतनमान नहीं देने का एक बेहतर मशीन बन गया है। श्रम शक्ति बजट व्यवहारिक एवं समय से लागू नहीं होने के चलते भारत कोकिंग कोल लिमिटेड अपने विभागीय खदानों को एक-एक करके बंद करने के लिए मजबूर होते रही है। मशीनों का रखरखाव नहीं करना, मरम्मत के लिए आवश्यक पार्ट्स उपलब्ध नहीं कराने से कंपनी की तकनीकी व्यवस्था बिल्कुल जर्जर हो गई है, परिणाम स्वरूप अधिक से अधिक मशीनों की रखरखाव एवं संचालन संबंधित कार्य ठेके पर देने के लिए कंपनी को मजबूर होना पड़ रहा है। योजनाबद्ध तरीके से कंपनी के द्वारा अपने छोटे-बड़े कर्मशालाओं को श्रम शक्ति का अभाव बताकर बंद किया जाता रहा है और सभी मशीनों को कचरे के भाव में बेज दिया जा रहा है या उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया जा रहा है तो दूसरे तरफ हजारों श्रमिकों को सर प्लस बताया जाता रहा है। श्रम शक्ति बजट सही ढंग से नहीं बनाने के चलते आज भी वर्षों से हजारों श्रमिकों वर्तमान कार्य के मुताबिक एवं वेतनमान नहीं मिल सका है और उनका करियर ग्रोथ पारित हो रहा है। उन्होंने 2024- 25 का श्रम शक्ति बजट पूर्व की भांति खानापूर्ति नहीं करते हुए इसे व्यावहारिक बनाने और तत्काल पूर्णत: लागू करने की मांग की है।