डाकपाल को मिली गबन में तीन साल की सजा

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :
पोस्ट ऑफिस बचत खाते से हुई गबन के मामले में आरोपित रामदेव राम को तीन साल की सजा सुनाई गई हैं। न्यायिक दंडाधिकारी साकीया कौशर की अदालत ने आरोपित को दोषी पाकर यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने रामदेव राम को जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। रामदेव राम डोमचांच धनवार डाक घर में सेवा डाकपाल थे।घटना 1979 से लेकर 2003 तक की है।ग्रामीणों की शिकायत पर डाक निरीक्षक हजारीबाग अवध किशोर ने धनवार थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। न्यायालय में यह मामला करीब बीस सालों तक चला। केस का फ़ाइल करीब दस न्यायिक अधिकारियों के इजलास से गुजरती रही। दो दशक पुराने मामले में निर्णय गबन के पुरानी यादों को ताजा कर दिया, जिसे ठगे गए लोगों को मानसिक रूप से शांति मिली होगी। इन बीस सालों के अंदर नौकरी कर रहे रामदेव राम भी सेवानिवृत्त हो गए।

मुबारक हुसैन व परमीना खातून ने की थी शिकायत
इस मामले में तत्कालीन डाक निरीक्षक अवध किशोर ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि धनवार के डोमचांच डाक घर मे सेवा डाकपाल के रूप में रामदेव राम कार्यरत थे।इस दौरान 26 अप्रैल 2002 को मुबारक हुसैन से खाता खोंलने के लिए दी गई 16 हज़ार 201 रुपए की रसीद देकर मात्र 160 रुपए जमा की गई थी।उसी पासबुक से मुबारक हुसैन की फर्जी हस्ताक्षर कर रुपए की निकासी की गई थी। जिसे जांच में सही पाया गया। धनेपुरा की परमीना खातून ने साल 2000 और 2001 में फिक्स डिपॉजिट के लिए बीस हजार रुपए जमा की थी। उसे रामदेव राम ने रसीद भी दिया था पर डाकघर में मात्र एक सौ रुपए जमा बताया गया था। एपीपी धनन्जय दास ने इन दोनों पीड़ितों ने न्यायालय में अपनी गवाही कराई थी व बहस की थी। जिसमें इस बात को दोनों पीड़ितो ने बताया। जिसकी पुष्टि डाक निरीक्षक ने अपनी गवाही में की थी।न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर रामदेव राम को सजा सुनाई।

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