सजा सुनते ही अदालत से भागा हत्यारा, बस से उतार कर लाई पुलिस

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : हत्याकांड में अभियुक्त को न्यायालय ने जैसे ही दोषी करार दिया, उनमें से एक दोषी राकेश कुमार यादव न्यायालय से कर्मियों को धक्का देते हुए फरार हो गया।इससे कुछ देर के लिए न्यायालय में अफरातफरी मच गई।घटना गुरुवार तीन बजे की है। जिला जज तृतीय सोमेन्द्रनाथ सिकदर की अदालत ने हत्याकांड में राकेश कुमार यादव,भुनेश्वरी देवी और मनोज पंडित को दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश सुनते ही राकेश कुमार यादव न्यायालय से निकल कर फरार हो गया। फरार होने पर न्यायालय प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया। वह धनबाद जाने के लिए बस पर बैठा था। नगर पुलिस दल बल के साथ हत्यारा राकेश को बस से उतार कर लाई।न्यायालय ने कड़ी सुरक्षा में तीनों को सेंट्रल जेल भेजा है।अब तीनों हत्यारों के सजा की बिंदु पर सुनवाई अगले सप्ताह सोमवार को होगी।घटना छह मई 2012 की है।

अवैध सम्बंध बना हत्याकांड का कारण

छह मई 2012 को सरिया रेलवे स्टेशन के आगे एक व्यक्ति का शव पाया गया था।जिसके शरीर मे जख्म के निशान थे।दूसरे दिन उस शव को एक युवक भोला पांडेय ने पहचान किया।बताया यह शव उसके पिता बलगोबिंद पांडेय की है। छह मई को उसके पिता पूजा के लिए भुनेश्वरी देवी और मनोज पंडित के साथ गए थे।अंतिम बार उनके पिता को इन तीनों के साथ देखा गया था।पुलिस अनुसंधान में पाया गया था कि भुनेश्वरी देवी का अवैध संबंध राकेश कुमार यादव जो होमगार्ड जवान है कि साथ था।भुनेश्वरी देवी सरिया में सब्जी की दुकान चलाती थी। अवैध सम्बंध के कारण राकेश उसका गांव धुरगल्ली जाता था।इस बात को लेकर गांव में पंचायती हुई थी।जिसका नेतृत्व बलगोबिंद पांडेय करते थे। बलगोबिंद पांडेय के पुत्र ने यह भी बताया था कि भुनेश्वरी देवी उसके पिता से 50 हज़ार रुपए कर्ज भी ली हुई थी। कर्ज की राशि वापस नहीं करने और अवैध सम्बंध का विरोध के कारण बलगोबिंद पांडेय की हत्या हुई थी।इस मामले में पीपी सुधीर कुमार ने गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की।बचाव पक्ष से अधिवक्ता नरेंद्र राय ने पैरवी की थी।

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