गिरिडीह को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प
गिरिडीह को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प
नीति आयोग और बनवासी विकास आश्रम की पहल
डीजे न्यूज, गिरिडीह : बच्चों की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए नीति आयोग ने एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (एवीए) के साथ मिलकर एक बड़ा कदम उठाया है। इस साझेदारी के तहत 12 राज्यों के 73 आकांक्षी जिलों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इस पहल के अंतर्गत 104 प्रखंडों के 15,000 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है।
गिरिडीह को बाल विवाह मुक्त बनाने का वादा
बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने इस साझेदारी का स्वागत करते हुए कहा, “हम गिरिडीह को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सतत प्रयासरत हैं। नीति आयोग के साथ यह साझेदारी हमें और मजबूती देगी। हम बच्चों के खिलाफ अपराधों को खत्म करने और उनके लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
‘सुरक्षित बाल ग्राम’ की अवधारणा
नीति आयोग की इस पहल के तहत संवेदनशील गांवों में “सुरक्षित बाल ग्राम” के रूप में सुरक्षा तंत्र विकसित किया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के अनुरूप है, जो देश के 112 सबसे अविकसित जिलों में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
शिक्षा और कौशल विकास पर जोर
साझेदारी के तहत स्कूल से वंचित बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ा जाएगा। साथ ही, हाशिए पर मौजूद परिवारों को सरकारी जनकल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। पंचायत स्तर पर बाल विवाह और मानव तस्करी जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए रजिस्टर रखे जाएंगे।
सामूहिक प्रयासों से होगा बदलाव
एवीए के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, “हमारा उद्देश्य 2025 के अंत तक सभी लक्षित प्रखंडों को बाल विवाह मुक्त बनाना है। यह पहल बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के अधिकारों को सुनिश्चित करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
बनवासी विकास आश्रम की भूमिका
बनवासी विकास आश्रम गिरिडीह जिले में बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।