गृहस्थ जीवन जीते हुए दो घंटे भजन के लिए दें : पंकज जी महाराज
गृहस्थ जीवन जीते हुए दो घंटे भजन के लिए दें : पंकज जी महाराज
टुंडी के मनियाडीह में जयगुरुदेव महाराज के सत्संग समारोह में जुटे हजारों ग्रामीण
डीजे न्यूज, टुंडी, धनबाद : जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जी महाराज उ.प्र., छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा प्रदेश से होते हुए धनबाद जिले के मनियाडीह के निकट ग्राम गोइदहा में रविवार की शाम अपनी 82 दिवसीय यात्रा के उनहत्तरवें पड़ाव पर पधारे। पानी की बूंदा-बांदी में भींगते हुए बहुत बड़ी संख्या में स्थानीय भाई-बहनों तथा बच्चे व बच्चियों ने दीप प्रज्वलित कलशों, फूल-मालाओं, पुष्पवर्षा तथा 4 सेट स्थानीय वाद्ययन्त्रों के साथ पूरे काफिले का भव्य स्वागत किया।
सोमवार को सत्संग समारोह में पंकज जी महाराज ने आगन्तुक जनमानस का अभिवादन किया। इसके बाद झारखण्ड प्रदेश के अध्यक्ष रामचन्द्र, जिलाध्यक्ष महेन्द्र राजभर, पूर्व मुखिया रमेश्वर बासकी, प्रखण्ड अध्यक्ष हेमलाल बेसरा, रतिलाल मुर्मू, हीरालाल बागची, जिला बस्ती के सन्तराम विश्वकर्मा आदि ने पुष्पहार भेंटकर मंच पर उनका स्वागत किया। सत्संग सन्देश सुनाते हुये उन्होंने कहा कि यह सत्संग है यहां किसी भी धर्म या सम्प्रदाय की निन्दा या आलोचना नहीं की जाती। यहां तो महापुरुषों की अमरवाणियाँ सुनाई जा रही हैं। यह आध्यात्मिक सत्संग है जिसे सुनकर निश्चय ही आपको मानव जीवन के उद्देश्यों के बारे में पता चलेगा। हमको मनुष्य शरीर क्यों मिला है, क्या इसका उद्देश्य है और मरने के बाद हम कहां जायेंगे? हमारे बाल-बच्चे कहां जायेंगे? कैसे हमारी जीवात्मा का कल्याण होगा ? इन सबकी जानकारी मिलेगी। किसी को साधु नहीं बनना, घर, परिवार या बाल-बच्चे नहीं छोड़ना। आप गृहस्थी के सारे काम-काज करते हुये चैबीस घण्टे में से घण्टा दो घण्टा समय निकालकर भगवान का भजन भी कर लिया करें। मौत के बाद यही भजन, इबादत साथ जायेगा और आपको नर्कों व चैरासी की यातनाओं से बचायेगा। इसके लिये किसी सन्त, महात्मा, पूरे गुरु की खोज करें, उनसे साधना (सुरत-शब्द योग) का रास्ता लेकर प्रभु का भजन करें। आत्मा जब भी अपने घर (सतलोक) जायेगी इसी नाम योग साधना से ही जायेगी। महाराज जी ने उपस्थित जन समूह को सूरत शब्द योग का भेद नामदान भी दिया। कहा कि रास्ता सच्चा है जब करेंगे तो अनुभव होगा।
समाज में बढ़ती हुई हिंसा व अपराध की प्रवृत्ति पर चिन्ता व्यक्त करते हुये महाराज जी ने कहा कि आज देश में इतने शिक्षा के विद्यालय, महाविद्यालय खुले हैं फिर भी देश का नौजवान दिशाहीन व संस्कारों से शून्य हो रहा। इसके पीछे अशुद्ध आहार (मांसाहार) व नशीले पदार्थों का सेवन प्रमुख कारण है। शाकाहार से ही सदाचार का आना संभव है। इसलिये सभी माता-पिता को चाहिये कि अपने बच्चों को भी महात्माओं के सत्संग में लेकर आया करें। इससे उन पर अच्छे संस्कार पड़ेंगे।
उन्होंने आगामी 24 से 26 मार्च तक तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा उ.प्र. में होने वाले होली सत्संग मेला में पधारने का निमन्त्रण दिया। बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहां सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं। उन्होंने संस्था द्वारा संचालित धर्मादा कार्यों को भी बताया। शान्ति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
इस अवसर पर संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, जयगुरुदेव आश्रम मथुरा के प्रबन्धक सन्तराम चैधरी, बिहार संगत के प्रदेशाध्यक्ष मृत्युन्जय झा, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विजय पाल सिंह, राजेश पण्डित, महेश्वर बासकी, विधायक मथुरा प्रसाद महतो, नमरन रजक, उपदेशक डा. कुंवर बृजेश सिंह आदि उपस्थित रहे।
सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव हेतु ग्राम पालमो थाना मुसाफिल प्रखण्ड व जिला-गिरीडीह के लिये प्रस्थान कर गई।