देशभर में मिले खसरा के 230 मरीजों में से 33 सिर्फ गिरिडीह के, टीकाकरण से रोक संभव : उपायुक्त
डीजे न्यूज, गिरिडीह : मिजिल्स रुबेला से बचाव एवं रोकथाम को लेकर आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में मीडिया कर्मियों के साथ वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें उपायुक्त लकड़ा व सिविल सर्जन डा. एसपी मिश्रा ने मीडिया कर्मियों को मिजिल्स रुबेला से संबंधित मुख्य जानकारियां साझा किया। उपायुक्त ने बताया कि पिछले साल देशभर में खसरा से 40 बच्चों की मौत हुई है। इसमें झारखंड के नौ बच्चे थे। उनमें से तीन बच्चे सिर्फ गिरिडीह के थे। इसी तरह देशभर में खसरा के 230 नए मरीज मिले हैं। इनमें से 120 बच्चे सिर्फ झारखंड के और उनमें से 33 बच्चे सिर्फ गिरिडीह के थे। उपायुक्त ने इसके अलावा जो जानकारियां दी है, वह इस प्रकार है:
वर्ष 2000- 2018 के दौरान, खसरे के टीकाकरण से अनुमानित 21.2 मिलियन होने वाले मौतों को रोका गया है।
भारत में लगभग 2.7 मिलियन बच्चों को हर साल खतरा होता है और वे खसरे के पश्चात डायरिया, निमोनिया और कुपोषण सहित गंभीर जटिलताओं से पीडित होते है।
रूबेला संक्रमण भी पूरे भारत में मौजूद है। यह स्वतः गर्भपात, मृत जन्म और जन्मजात दोष जैसे बहरापन, अंधापन, मानसिक मंदता, हृदय दोष आदि जैसे कई अंगों को प्रभावित करने वाली जन्मजात विकलांगता का कारण बन सकता है।
खसरा और सबेला को एक सुरक्षित और प्रभावी एमआर वैक्सीन से रोका जा है।
खसरा टीकाकरण सीधे तौर पर पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मृत्यु दर को कम करने में योगदान देता है और रूबेला वैक्सीन के संयोजन से रूबेला को नियंत्रित किया जाता है। देश की आबादी में Congenital Rubella Syndrome (CSR) को रोका जा सकता है, जिससे विकलांगता में कमी आएगी।
देश भर में वित्तीय वर्ष 2022-23 खसरे से लगभग 40 बच्चों की मौत हुई है जिसमें 09 बच्चे केवल झारखंड के है एवं 3 बच्चे गिरिडीह के हैं। देश में रिपॉट किए गए 230 खसरे के मामलों में से 120 झारखंड से है। जिसमें 33 बच्चे गिरिडीह के है।
झारखण्ड में MR टीकाकरण दर 82.8% से बढ़कर 86.7% हो गई है, लेकिन MR के द्वितीय योग का प्रतिशत अभी भी कम है जो NEHES अनुसार केवल 32% है एवं गिरिडीह अन्तर्गत [NFHS में प्रथम खोज 64.4% एवं द्वितीय खोज 26.7% है।
हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से राज्य के भी जिलों में खसरे का प्रकोप पाया गया। ये हैं- दुमका पाकुड, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर धनबाद, कोडरमा और गिरिडीह।
झारखण्ड सरकार ने हाल ही में इन जिलों में 12 अप्रैल से पाँच सप्ताह तक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
अभियान के तहत 09 माह से 15 वर्ष आयु वर्ग के 45,62492 बच्चों को राज्य में टीका लगाया जाएगा। गिरिडीह अन्तर्गत 09 लाख लक्ष्य निर्धारित है।
जिन बच्चों को पूर्व में टीका लगाया जा चुका है उन्हें अभियान के दौरान पुनः टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण अभियान की निगरानी सरकार, WHO और यूनिसेफ द्वारा की जाएगी।
खसरा एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है जिसका दुनिया भर के कई देशों में 40 से अधिक वर्षों से उपयोग किया जा रहा है।
खसरा-रूवेला (MR) टीकाकरण के बाद होने वाली प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं आम तौर पर हल्की और क्षणिक होती है निम्न श्रेणी का बुखार, दाने और मासपेशियों में दर्द जो आने आप बाम हो जाते है। किसी वाले टीके की तहत इंजेक्शन वाली जगह पर हल्का दर्द और लाली हो सकती है।
दुनिया भर में लाखों बच्चों की सुरक्षित रूप से खसरा (Mai Rubella) की टीका से प्रतिरक्षित किया जा चुका है।
वर्तमान में उपयोग में लाए जा रहे Live Attenuated MR टीकों का सुरक्षा और प्रभाव के मामले में उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड है।
MR पैक्सीन का यूनिवर्सल इम्पलाइजेशन प्रोग्राम के तहत MR का टीका दिया जाता है। MR टीका का उत्पादन भारत में किया जाता है और इसे केन्द्रीय मानक नियंत्रण संगठन ( दिया गया है। विश्व के अधिकांश देशों में खसरा (MR) टीकों की आपूर्ति भारत से होती है।
MR वैक्सीन की पहली खुराक 09 महीने पूरे होने के बाद 12 महीने की उम्र तक और दूसरी खुराक 16-24 महीने की उम्र में दी जानी है जो बच्चे दोनों डोज ले चुके है उन्हे भी एक अतिरिक्त खुराक दिया जाना है।
जिले में यह टीकाकण प्रथम दो सप्ताह स्कूल में उसके बाद दो सप्ताह आगनवाडी केन्द्र में तथा अन्तिम पाँचवें सप्ताह में स्कूलों एवं आगनवाडी केन्द्रों में छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण कर जिला को शतप्रतिशत अच्छादित किया जाएगा। इसके लिए जिले में कुल 282 टीकाकरण दल, 8480 टीकाकरण केन्द्र के माध्यम से 09 लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। इसके लिए स्कूल में 3604 एवं आंगनबाडी केन्द्र में 2677 टीकाकरण सत्र आयोजित किया जाना है।
कार्यक्रम की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु 68 होर्डिंग, लगभग 24000 पोस्टर, बैनर 5400 एवं सभी प्रखण्डों में माईकिंग तथा सोसल मीडिया ग्रुप बनाकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
स्कूल द्वारा अभिभावक बैठक, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण समिति, सामुदायिक स्तर पर बैठक, प्रभावकारी व्यक्तियों की बैठक, महिला समूह की बैठक के साथ-साथ धर्मगुरूओं की बैठक आयोजित कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
विद्यालयों में लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता, रैली एवं सहिया के द्वारा दिवाल लेखन एवं अन्तर व्यक्तिक संवाद स्थापित कर शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं यूनिसेफ के सहयोग से जिले में LED Vain के द्वारा जागरूकता अभियान: चलाया जा रहा है।
जिले में उपायुक्त, IMI, शिशु रोग विशेषज्ञ एवं धर्म गुरुओं के द्वारा अपने- अपने स्तर से अपील जारी कर टीकाकरण हेतु जागरुकता करायी जा रही है।
जिला स्तर पर MR टीकाकरण की सफलता हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्यवेक्षण हेतु कमिटी का गठन कर प्रखण्डों का आवंटन कर दिया गया है जिससे की समीक्षा कर लक्ष्य प्राप्ति किया जा सके।
बच्चों को खाली पेट MR का टीका नहीं लेना है। कुछ खाकर लेना है। वैक्सीन लगने के पश्चात बच्चें को आधा घंटा वेटिंग एरिया में रहना पड़ेगा।