हत्यारे पिता को जेल में काटनी होगी पूरी जिंदगी

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हत्यारे पिता को जेल में काटनी होगी पूरी जिंदगी

पत्नी के इलाज के लिए पैसा मांगने पर हरि क पिता भुनेश्वर ने टांगी से काट कर की थी हत्या

प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने सुनाई सजा

डीजे न्यूज, गिरिडीह :

हत्यारे पिता भुनेश्वर यादव को अब आजीवन सजा जेल के सलाखों के पीछे काटनी होगी। मंगलवार को प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने दोषी करार दिए गए भुनेश्वर यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त सजा जेल में काटनी होगी। भुनेश्वर यादव को अपने पुत्र हरि यादव के हत्या में दोषी पाया गया था।न्यायालय ने जेल में बंद भुनेश्वर को यह सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई। इसके पूर्व सजा की बिंदु पर सुनवाई शुरू हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता दुर्गा पांडेय ने न्यूनतम सजा देने की अपील की। कहा अभियुक्त की उम्र और अवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं पीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा देने की मांग की। कहा एक पुत्र जो अपनी पत्नी के इलाज के लिए पिता से सहायता मांगता है, बदले में निर्दयता से उसकी हत्या कर दी जाती हैं। यह समाज और कानून दोनों के लिए एक अभिशाप है। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनाई। घटना गिरिडीह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के तिलैया गांव की है।

 

 

जंगल से जलावन और पत्ता लाने जा रहे हरि की पिता और भाई ने घेरकर की थी हत्या

 

 

घटना 21 अगस्त 2014 की है। इस कांड की सूचक मुनिया देवी ने पुलिस के समक्ष बयान देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि वह बीमार रहती थीं। इलाज के लिए उसके पति ने अपने पिता से पैसा मांगा था। पैसा नहीं देने के कारण दोनों में अनबन थी। घटना की सुबह सात बजे उसके पति जंगल से पत्ता और जलावन की लकड़ी लाने टांगी लेकर घर से निकले थे।घर के बाहर गलियारा में उसके पिता मिले।दोनों में बाता बाती होने लगी। इस बीच उसके छोटे भाई ने हरि को पीछे से पकड़ लिया। गुस्साए उसके पिता ने टांगी छीनकर उसपर कई प्रहार किया। उसे कंधा, सर में गंभीर जख्म पहुंचाया। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रेफर किया था। रिम्स ले जाने के दौरान उसकी मौत रास्ते में हो गई। इस मामले में अभियोजन के तरफ से दस गवाहों का परीक्षण कराया गया।जिसमें सूचक,चश्मदीद, डॉक्टर और अनुसंधान कर्ता शामिल थे। वहीं दूसरे आरोपित का जुबेनाइल बोर्ड में मामला चला था।

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