हत्यारे पिता को अपने तीन अन्य बेटोंं के साथ आजीवन जेल में काटनी होगी जिंदगी

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हत्यारे पिता को अपने तीन अन्य बेटोंं के साथ आजीवन जेल में काटनी होगी जिंदगी

गिरिडीह के पीरटांड़ में जमीन विवाद में 90 साल के वृद्ध पिता ने तीन छोटे बेटों के साथ मिलकर बड़े बेटे की काटकर की थी हत्या

डीजे न्यूज, गिरिडीह : 

गिरिडीह जिले के पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत पालगंज गांव में चार छोटे बेटों के साथ मिलकर बड़े बेटे राजेंद्र सोनार की निर्मम हत्या करने वाले 90 साल के वृद्ध पिता को अपने तीन अन्य बेटों के साथ अब

आजीवन जेल के सलाखों के पीछे सजा काटनी होगी। जिला जज तृतीय सोमेन्द्रनाथ सिकदर की अदालत ने दोषी पाए गए पिता कैलाश सोनार, उसके तीन बेटे क्रमश: शंकर सोनार, सुजीत सोनार और बजरंगी सोनार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी ने मिलकर राजेंद्र सोनार की हत्या घातक तेज हथियार से काट कर की थी। चारों ने मृतक के दो बेटों को जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से जख्मी भी कर दिया था। न्यायालय ने हत्या के प्रयास में चारों को दस साल सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई है। वहीं मारपीट की धारा में एक साल की सजा दी है। सभी सजा एकसाथ चलेगी। चारों को कुल 80 हज़ार जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी। न्यायालय ने डीसी और डालसा को जजमेंट की प्रति भेजकर विक्टिम कम्पनशेसन के तहत मृतक की पत्नी और बेटों को राशि देने को कहा है।

 

अत्यधिक उम्र की दलील नही आया काम

 

इसके पूर्व न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता पीके अम्बष्टा ने कैलाश सोनार के उम्र का हवाला देते हुए कम सजा और जुर्माना राशि मे छूट मांगी। वहीं पीपी सुधीर कुमार ने कहा एक वृद्ध पिता जो अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में हो और जमीन के टुकड़े के लिए बड़े बेटे की निर्मम हत्या कर दी थी, वैसा इंसान रहम के काबिल नहीं है। न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद वीसी से सजा सुनाई। पीरटांड़ के पालगंज की यह आठ फरवरी 2022 की घटना है।इस खूनी खेल में मृतक के दो पुत्र को भी गंभीर रूप से जख्मी किया था। जमीन विवाद में भाईयों ने पिता के साथ मिलकर एक भाई की हत्या कर दी थी। हत्या में मुख्य भूमिका पिता ने निभाई थी। घटना पालगंज़ के महादेवडीह गांव की है। परिवार के लोगों के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर हिंसक झड़प हो गई। इसमें 51 वर्षीय राजेंद्र स्वर्णकार की मौत हो गई थी। वहीं उसके दो बेटे संजय स्वर्णकार एवं संदीप स्वर्णकार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमले में घायल होने के बाद तीनों लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद राजेंद्र को मृत घोषित कर दिया था। परिवार में पहले से संपत्ति का विवाद चल रहा था।इस मामले में अभियोजन के तरफ से 14 गवाहों का परीक्षण कराया गया।

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