अब हिंदी में लिखे पत्र का हिंदी में ही जवाब देंगे रेलवे के अधीनस्थ कार्यालय

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डीजेन्यूज गिरिडीह : जब आप किसी विभाग को हिंदी में पत्र लिखते हैं तो आपको इस बात की उम्मीद रहती है कि पत्र का जवाब भी हिंदी में ही हो। लेकिन रेलवे के सभी कार्यालय हिंदी के पत्र का भी जवाब अंग्रेजी में ही देते आये हैं। इससे अंग्रेजी में अच्छी पकड़ न रखने वाले को भारी परेशानी होती है तथा उनका पत्र लिखना ही व्यर्थ हो जाता है। लेकिन रेलवे के अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा हिंदी में दिए गए पत्रों का जवाब भी अंग्रेजी में ही दिया जाता रहा है। जरूरत है कि हिंदी में दिए गए पत्र का जवाब भी हिंदी में होना ही चाहिए। यह मांग की हैै गिरिडीह के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार खंडेलवाल ने। इस मांग पर रेलवे ने पहल भी किया है।
इस बाबत श्री खंडेलवाल ने रेलवे बोर्ड को पत्र प्रेषित किया है। पत्र के आधार पर रेलवे बोर्ड के राजभाष निदेशक डा. वरूण कुमार ने रेलवे के अधीनस्थ सभी कार्यालयों को हिंदी में प्राप्त प्रत्रों के अनिवार्यतः हिंदी में ही जवाब दिए जाने का निर्देश दिया है। 06 अप्रैल 2022 को जारी निर्देश में निदेशक ने कहा है कि राजभाषा नियम 1976 के नियम 5 के अनुसार किसी भी क्षेत्र /राज्य, सरकार/ व्यक्ति या केंद्रीय सरकार के कार्यालयों से हिंदी में प्राप्त पत्रादि का उत्तर हिंदी में ही दिया जाना अनिवार्य है।

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