अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने वाले बच्चों को मिलेगा दुबारा परीक्षा का मौका
अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने वाले बच्चों को मिलेगा दुबारा परीक्षा का मौका
किसी भी बच्चे को तब तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेगा
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
भारत सरकार ने 16 दिसंबर को गजट प्रकाशित कर दिया है। इसमें निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 2010 में संशोधन करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार अब प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में पांचवीं और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी। इस परीक्षा में यदि कोई बालक असफल रहता है तो उसे परिणाम घोषित होने की तिथि से दो माह की अवधि के अंदर फिर से परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। उस परीक्षा में भी यदि वह असफल रहा तो उसे उसी कक्षा अर्थात पांचवीं या आठवीं में रोक दिया जाएगा। बालक को उस कक्षा में रोके रखने के दौरान कक्षा शिक्षक बालक के साथ-साथ यदि आवश्यक हो तो उसके माता-पिता का भी मार्गदर्शन करेगा। विशेषज्ञीय इनपुट भी देगा। स्कूल का प्रमुख उन बालकों की सूची बनाएगा जो कक्षा में रोके गए हैं। ऐसे बालकों को विशेषज्ञीय इनपुट के लिए दिए गए उपबंधों तथा पहचाने गए अधिगम के अंतरालों के संबंध में उनकी प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से माॅनीटरिंग करेंगे। बालक के समग्र विकास को पाने के लिए परीक्षा और पुन : परीक्षा सक्षमता आधारित परीक्षाएं होंगी ना कि याद करने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित होंगी। किसी भी बालक को तब तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता।