भाजपा की नजर में अभी तक कुर्मी एसटी नहीं : सालखन

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डीजे न्यूज, रांची :कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) बनाने की अनुशंसा करने वाले झामुमो, बीजेडी, टीएमसी और कांग्रेस पार्टी का पुतला दहन 30 अक्टूबर को झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम में जगह-जगह किया जाएगा। इन पार्टियों के साथ-साथ तमाम उन आदिवासी एमएलए, एमपी और आदिवासी संगठनों का भी पुतला जलाया जाएगा जो कुर्मी के समर्थन में खड़े हैं या चुप हैं। कोल्हान आदिवासी एकता मंच, चाईबासा के इस मुद्दे पर 26 नवंबर के आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा का सेंगेल स्वागत करता है। आदिवासी अस्तित्व और अस्मिता राक्षार्थ इस जीवन रक्षा महायुद्ध में सभी आदिवासी को सामने आने की जरूरत है। दुर्भाग्य झामुमो और उसके अंधभक्त अबतक चुप हैं। ज्ञातव्य हो कि केंद्र की भाजपा सरकार ने हाल में कुर्मी छोड़ अन्य 12 जातियों को एसटी की सूची में शामिल किया। इसका मतलब है भाजपा की नजर में अभी तक कुर्मी एसटी नहीं हैं। अतः कुर्मी मुद्दे पर भाजपा को बेनिफिट ऑफ डाउट देना चाहिए। इसके अलावा अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फैक्टर भी हावी है।
आदिवासी सेंगेल अभियान के अनुसार कुर्मी जाति को एसटी बनने और बनाने का ज्वलंत मुद्दा आदिवासियों को जगाने, जोड़ने और आदिवासी विरोधी पार्टियों को बेनकाब कर उनसे अलग करने का एक निर्णायक अवसर है। उम्मीद है आदिवासी विरोधी जेएमएम और उसके नेता सोरेन परिवार का पतन होगा। अन्यथा असली आदिवासी का उत्थान असंभव है। झामुमो और उसके समर्थकों को अब प्रमाणित करना होगा कि वे आदिवासियों के साथ खड़े हैं या केवल वोट और नोट की राजनीति करते हैं। सेंगेल झारखंड को अबोआग दिशोम आबोआग राज बनाने के लिए कृतसंकल्पित है।

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