स्वतंत्रता दिवस पर जेल अदालत से छूटे नौ बंदी
डीजे न्यूज, गिरिडीह:
स्वतंत्रता दिवस पर सेंट्रल जेल में अदालत लगाई गई।जेल अदालत में सीजेएम लक्ष्मीकांत, डालसा सचिव सौरव कुमार गौतम, न्यायिक दंडाधिकारी मोहित चौधरी, अभिजीत पांडेय, प्रिया कुमारी उपस्थित हुए। जेल अदालत में पंद्रह बंदियों को छोड़ने को लेकर विचार किया गया।जिसमें कानूनी पहलू से नौ बंदियों को अमृत महोत्सव पर छोड़ा गया।इस दौरान बंदियो को कानून की जानकारी भी दी गई। बंदियों को संबोधित करते हुए सीजेएम लक्ष्मी कांत ने कहा कि सभी बंदियों के मौलिक अधिकारों का रक्षा करना न्याय प्रशासन एवं कारा प्रशासन का दायित्व है।नालसा और झालसा के मार्गदर्शन में प्रत्येक माह सभी कारागारों में बंद विचाराधीन बंदियों के लिए जेल अदालत का आयोजन किया जाता है ताकि उन बंदियों को कानूनी प्रावधानों के तहत उनके मामलों का निष्पादन कर लाभ प्रदान किया जा सके। कहा कि वैसे बंदीगण जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल से निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किया जाता है। जो उनके केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। उनके इन मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से की जाती है।उन्होंने जेल में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में कहा गया कि इस कारा में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे। इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें। यदि किन्हीं कोई निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी तथा कार्यालय में भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किया जाएगा। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा एवं प्राथमिक शिक्षा सुविधा मुहैया कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया गया। जेलर प्रमोद कुमार ने कहा कि जो बंदी अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं और फिर से आगे पढ़ना चाहते हैं तो जेल प्रशासन को बताएं।उन्होंने बंदियों के रख रखाव और उनके नियमित दिनचर्या के लिए खेल कूद प्रतियोगिता कराने की बात कही। न्यायिक दंडाधिकारी मोहित चौधरी, अभिनंदन पांडेय और प्रिया कुमारी ने भी उपस्थित बंदियों को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं बंदियों को प्राप्त अन्य कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी।