अंतिम बार गोमो स्टेशन में देखे गए थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस

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अंतिम बार गोमो स्टेशन में देखे गए थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस

तरुण कांति घोष, धनबाद : गोमो रेलवे स्टेशन। इस स्टेशन से महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यादें जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं कि नेताजी सुभाष का इस रेलवे स्टेशन से क्या नाता है। बात 17-18 जनवरी 1941 के रात की है। रहस्यमय तरीके से गुम होने के पहले इसी दिन नेताजी सुभाष गोमो रेलवे स्टेशन पर देखे गए थे। नेताजी सुभाष कालका मेल पर सवार होकर पेशावर (अब पाकिस्तान) फिर रंगून गए थे। यही कारण है कि नेताजी सुभाष की स्मृति में 18 जनवरी को महानिष्क्रमण दिवस मनाया जाता है। गोमो स्टेशन पर अंतिम बार देखे जाने के कारण ही रेल मंत्रालय ने वर्ष 2009 को नेताजी के सम्मान में इस स्टेशन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस गोमो जंक्शन कर दिया। जनवरी 2009 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने नेताजी स्मारक का लोकार्पण किया था। नेताजी की याद में ही कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया। 17-18 जनवरी 1941 को नेताजी अपने भतीजे डा. शिशिर बोस के साथ गोमोह स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने गोमो के हटियाटांड स्थित जंगल में अंग्रेजी फौजों से छिपकर बैठक भी की थी।

 

 

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