एनडीआरएफ की टीम ने आपदा से निपटने के लिए माॅक ड्रील का कराया अभ्यास

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एनडीआरएफ की टीम ने आपदा से निपटने के लिए माॅक ड्रील का कराया अभ्यास 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : आज गिरिडीह स्टेडियम में CBRN Emergency से संबंधित मॉक ड्रील अभ्यास किया गया। यहां एनडीआरएफ टीम बिहटा के द्वारा केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर इमरजेंसी से संबंधित मॉक ड्रील का अभ्यास के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए कई जानकारियां दी गई। अभ्यास की शुरुआत आपातकालीन अलार्म के साथ हुई। प्रभावित पीड़ितों को निकालने के लिए विशेष प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। एनडीआरएफ की टीम ने जानकारी जुटाकर स्थिति का आकलन किया एवं इसके साथ ही ऑपरेशन बेस, मेडिकल पोस्ट और कम्युनिकेशन पोस्ट तैयार किया। इसके बाद टीम ने खतरे की जांच कर ऑपरेशन शुरू किया। एनडीआरएफ रिकवरी टीम द्वारा रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस स्रोत को सील कर दिया गया। बचाव दल ने सीबीआरएन सूट की मदद से प्रभावित पीड़ितों को निकाला। उसके बाद, पीड़ितों और बचावकर्ताओं की परिशोधन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इस अभ्यास के दौरान रेडिएशन की जांच की गई तथा रेस्क्यू करने वाले लोगों की भी रेडिएशन की जांच की गई। इसके अलावा टीम कमांडर द्वारा इंसीडेंट कमांडर को पूरे अभ्यास की विस्तृत जानकारी दी गई। मौके पर उपरोक्त के आलावा उप विकास आयुक्त, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सार्जेंट मेजर, कार्यपालक अभियंता, पेयजल व स्वच्छता विभाग 2, असिस्टेंट कमांडेंट, इंस्पेक्टर राम कुमार, इंस्पेक्टर सूरज कुमार, स्कूली बच्चें व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

इस दौरान मौके पर उपस्थित उप विकास आयुक्त ने कहा कि किसी भी रासायनिक केमिकल एवं बायोलोजिकल आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रिस्पांस एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना होता है। मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता की जांच करना और प्रतिकूल स्थिति में बचाव कार्यवाही को परखना था, जिससे किसी भी सीबीआरएन आपदा के दौरान कार्यवाही करते हुए बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सकें।

एनडीआरएफ टीम पटना के इंस्पेक्टर राम कुमार सिंह ने बताया कि रासायनिक, जैविक व रेडियोधर्मी आपदा होते हैं,जिसके विषय में जानकारी ही बचाव का मूल मंत्र है। इस मॉक ड्रिल अभ्यास द्वारा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है और समय-समय पर इस तरह के मेगा मॉक अभ्यास द्वारा महत्वपूर्ण जीवन की रक्षा की जा सकेगी।

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