वैज्ञानिक विधि से खेती कर सात गुना बढ़ा सकते मुनाफा : नवीन कुमार

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वैज्ञानिक विधि से खेती कर सात गुना बढ़ा सकते मुनाफा : नवीन कुमार 

झंडा मैदान में जिला स्तरीय किसान मेला सह फसल प्रदर्शनी शुरू, सैकड़ों किसानों का जुटान, कृषि विशेषज्ञों ने दिए खेती के टिप्स  

डीजे न्यूज, गिरिडीह : झंडा मैदान में दो दिवसीय जिला स्तरीय किसान मेला सह फसल प्रदर्शनी शनिवार को शुरू हुआ। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष मुनिया देवी व जिला कृषि पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मेले में कृषि एवं कृषि संबंधित विभाग के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्र एफपीओ, खाद बीज भंडार सहित कुल 18 स्टॉल लगाए गए थे।

मेले को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि व जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी ने कहा कि यह मेला किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें अधिक प्रचार प्रसार करते हुए किसानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार द्वारा बताए गए तकनीकी ढंग से खेती करने की सलाह को यदि किसान अपने छिड़काव की विधि एवं समय पर करें तो किसानो को अधिक लाभ होगा। पानी की कमी को देखते हुए खेती कार्य समय पर नहीं हो पाता है। दूसरे विभाग को भी ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे सिंचाई सुनिश्चित हो सके। कारण, खेती सिंचाई पर ही निर्भर है। इसके लिए चेक डैम, तालाब, कूप जैसी योजनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे पानी संरक्षित कर खेती करने में सहायक हो सकता है।

वहीं जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि आत्मा प्रचार प्रसार के लिए ही मुख्य रूप से जिले में किसानों के बीच कार्य कर रही है। प्रखंड स्तर पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान मित्र कार्य कर रहे हैं। इसके साथ-साथ आत्मा के द्वारा कृषि विभाग कृषि संबंध विभाग फ्लैगशिप स्कीम के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन सॉयल हेल्थ कार्ड देसी प्रशिक्षण कार्यक्रम, STRY प्रशिक्षण इत्यादि कार्यक्रम करते हुए किसानों के बीच प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य करते रहते हैं। इस प्रचार प्रसार के कड़ी में ही किसान मेला लगाया गया है। पारदर्शी तरीके से संबंधित किसानों को बहुत सारी जानकारी के साथ उसकी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए सभी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का का प्रयास है। उन्होंने किसान भाइयों को आत्मनिर्भर होने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन करने की भी सलाह दी। महिला किसान गृह वाटिका घर की बाड़ी में भी मौसमी सब्जी नींबू, पपीता एवं अमरुद का पौधा लगाकर पौष्टिक खाना खाते हुए आमदनी भी कर सकते हैं। कम खर्च वाले खाद केंचुआ खाद, गोबर खाद कंपोस्ट आदि का अधिक उपयोग एवं रासायनिक खाद का कम उपयोग करने की सलाह किसानों को दी गई। कृषि विभाग से पर ड्रॉप मोर क्रॉप जैसे योजनाओं का लाभ किसानों को लेने की सलाह दी गई। इस योजना से बहुत कम पानी में अच्छी फसल होती है।

जिला उद्यान पदाधिकारी वरुण कुमार ने कहा कि उद्यान विभाग से दो तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। उद्यान विकास योजना एवं गैर बागवानी मिशन योजना। इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए किसान बंधु से आग्रह किया गया कि विभाग से माह मई से अगस्त तक आवेदन उद्यान मित्र के माध्यम से जिला में करें। जिससे किसानों को फल फूल सब्जी वर्मी वेड टिश्यू कल्चर प्लास्टिक मल्चिंग एंटीबॉडिनेट आदि का लाभ मिल सकेगा।

कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी आकाश सिंह ने कहा कि दवाई अनुशंसित मात्रा में ही उपयोग करें। उन्होंने बताया कि किसान जब भी कोई दवाई का उपयोग करते हैं दवाई पर दिए गए सिंबल से ही किस दवाई का असर पहचान सकते हैं। लाल रंग अधिक जहरीला पीला रंग कम जहरीला एवं हरा रंग बहुत ही कम जहरीला होता है। पौधों पर छिड़काव जिस दिशा में हवा बहती है उसके विपरीत नहीं करना चाहिए, नहीं तो दवाई आपके ऊपर आ सकता है। इससे नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हवा के दिशा में ही दवाई का छिड़काव करना चाहिए।

कृषि विज्ञानं केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार ने इस मौके पर बताया कि किसान स्वावलंबी बनें। किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर खेती की लागत कम कर सकते हैं। जैसे बीज का चुनाव, बीज की मात्रा, समय पर सिंचाई, पौधे की दूरी, बीज उपचार रोगों में अनुशंसित दवाई का प्रयोग आदि अपनाते हुए अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं। साथ ही साथ नीम, करंज, सरसों खली आदि का उपयोग करें। वैज्ञानिक विधि से खेती करने से 5 से 7 गुना मुनाफा बढ़ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन रमेश कुमार प्रखंड तकनीकी प्रबंधक आत्मा ने किया गया। इस मौके पर मंच पर उपस्थित सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बारे किसान मित्रों को बताया । मेला का मुख्य आकर्षण फसल प्रदर्शनी रहा। प्रदर्शन समिति उन्हें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार भी देगी।

इस मौके पर कृषि एवं कृषि संबंधित विभाग के पदाधिकारी, सभी विभाग के कर्मी, किसान मित्र, एग्री स्मार्ट ग्राम के कृषक पाठशाला के कर्मी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, जन सेवक, एग्री क्लीनिक के कर्मी, कृषक उत्पादक संगठन के कृषक व विभिन्न प्रखंडों से आए सैकड़ों किसान उपस्थित थे।

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