राष्ट्रीय लोक अदालत में मिला एक करोड़ राजस्व, 1909 मामले निष्पादित

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डीजे न्यूज, गिरिडीह:
राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजनों से पक्षकारों को अपने मामलों में त्वरित निष्पादन का लाभ तो मिलता ही है साथ ही साथ न्यायालय का बोझ भी कम होता है। ये बातें प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा ने कही।
उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामलों, सिविल मामलों, बैंक मामलों, वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों बिजली, वन विभाग, उत्पाद, माप तौल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि विभागों से संबंधित मामलों का निष्पादन लोक अदालतों के माध्यम से होने से आम जनों को काफी राहत मिलती है।सामुहिक प्रयास से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद मिलती है। कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सुलह ही खुशहाल जीवन का मूलमंत्र है।जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोगो को त्वरित न्याय पाने का एक सुलभ रास्ता है।सुलह के आधार पर हुए मुकदमे से समाज मे सौहार्द बढ़ता है। डालसा सचिव सौरव कुमार गौतम ने कहा कि आज के इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन ही गिरिडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों में लोकतंत्र के महापर्व के तौर पर पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान संपन्न कराया जा रहा है। इसके बावजूद आम पक्षकारों, विद्वान अधिवक्ताओं ने इस राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह इस राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता एवं जन-जन तक इसकी पहचान को प्रदर्शित करता है। इस लोक अदालत में अलग रह रहे दंपती को मिलवाया गया। कुटुंब न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव के प्रयास से कई वर्षों से एक दूसरे से अलग रह रहे पति-पत्नी मोहम्मद रिजवान शाह एवं रिंकी खातून को आपसी सुलह कराया गया।समझौते के आधार पर उनके मामलों का निष्पादन कराते हुए न्यायालय में हंसी खुशी एक साथ रहने हेतु विदा कराया गया। इस दौरान दोनों दंपती कई वर्षों बाद अपने गिले-शिकवे को भुलाकर मिले तथा उन दोनों के मिलन की इस बेला में उनके चेहरे पर खुशी के भाव स्पष्ट दिखाई पड़ रहे थे।

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कम उपस्थिति के बावजूद पक्षकारों में था उत्साह
-जिले के कई प्रखंड में चल रहे पंचायत चुनाव का असर राष्ट्रीय लोक अदालत में दिखा।पक्षकारों की संख्या कम होने के बावजूद उत्साह देखा गया।राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री लिटिगेशन के मामलों समेत कुल उन्नीस सौ नो मामले निष्पादित किए गए।साथ ही बैंक,वन,उत्पाद समेत अन्य सरकारी विभागों को करीब एक करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई। इससे सैकड़ों पक्षकारों को लाभ हुआ।

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