नाबालिग के अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म में आजीवन जेल की सजा काटेगा मुशर्रफ

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डीजे न्यूज , गिरिडीह : नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए गए मुशर्रफ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।पोक्सो के बिशेष न्यायधीश यशवंत प्रकाश की अदालत ने मुसर्रफ को यह सजा सुनाई है। साथ ही अन्य धाराओं में दस साल से लेकर सात साल तक सजा दी है। सभी सजा साथ साथ चलेगी।न्यायालय ने मुशर्रफ को कुल 35 हज़ार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है।जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माना राशि को विक्टिम कम्पनशेसन के तहत देने को कहा गया है। इसकी सूचना जिला प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजी गई है। इसके पूर्व सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यूनतम सजा देने की मांग की।वही एपीपी बिजय कुमार ने न्यायालय से कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कहा कि यह एक जघन्य अपराध है जो न्यायालय में साबित हो गया है।ऐसा अपराध समाज को डर और भय पैदा करता है। अपराधी के साथ कड़ाई बरतने की जरूरत है जिससे ऐसे अपराध पर रोक लगे। न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के बाद सजा सुनाई। इस कांड का दूसरा आरोपित अशफाक के खिलाफ मामला न्यायालय में लंबित है।सजा की तारीख को लेकर मुशर्रफ को कड़ी सुरक्षा में सेंट्रल जेल से न्यायालय लाया गया था।सजा सुनाए जाने के बाद वापस जेल भेज दिया गया।
–पीड़िता का अपहरण कर 20 दिनों तक करता रहा था यौन शोषण :
घटना 23 मार्च 2019 की है।इस कांड की सुचिका सह पीड़िता ने महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि वह बिहार के जमुई से अपने दादा जी के साथ बस से मायके आ रही थी। गिरिडीह बस स्टैंड में रुकने के समय उसके दादाजी सत्तू पीने गए थे। इस बीच बोलेरो से मुसर्रफ और अशफाक आया। दोनों ने कहा वह गांव जा रहा है। चलो छोड़ देते हैं। दादाजी को भी साथ ले चलेंगे।दोनों ने उसके दादाजी को छोड़कर उसे बोलेरो में बैठा कर दूसरे जगह ले गए। दोनों एक सुनसान घर मे बीस दिनों तक रखे। इस दौरान दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। लगातार बीस दिनों तक दोनों उसका यौन शोषण करते रहे। जब उसके घर वाले दोनों के घर मे पुलिस का दबाब देने लगे तो उसे टुंडी के पास लाकर छोड़ दिये। दोनों आरोपित अहिल्यापुर थाना क्षेत्र का रहने वाला था। इस मामले में पीड़िता ने न्यायालय में अपने गवाही में प्राथमिकी का पूर्ण समर्थन करते हुए घटना के बारे में बताया। साथ ही मुशर्रफ को पहचाना।इस मामले में आठ लोगों की गवाही गुनाह साबित करने का कारण बना।न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई।अपराध इतना घिनौना था कि हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की जमानत याचिका दो बार खारिज कर दिया था।

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