बालू, कोयला, ढिबरा पर रोक के खिलाफ माले ने निकाला जनाक्रोश मार्च
डीजे न्यूज, गिरिडीह : भाकपा माले ने गिरिडीह जिले में बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बालू के उठाव पर रोक लगा दिए जाने सहित ढिबरा, कोयला, गिट्टी आदि की ढुलाई पर भी रोक लगा कर हजारों हजार गरीब मजदूरों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न कर दिए जाने के खिलाफ जोरदार तरीके से जनाक्रोश मार्च निकाला तथा रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर इस तरह की रोक का विरोध कर तत्काल ही कोई वैकल्पिक रास्ता निकालने की मांग की।
अपने तीन सूत्री ज्ञापन के साथ भाकपा माले सहित अखिल भारतीय किसान महासभा, झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा, इंकलाबी नौजवान सभा, महिला संगठन ऐपवा आदि से जुड़े सैकड़ों महिला-पुरुष झंडा बैनर लेकर स्थानीय सरकार मैदान में इकट्ठा होकर जुलूस निकालते हुए शहर से करीब 5 किमी दूर स्थित पपरवाटांड़ के पास डीसी ऑफिस कार्यालय के समक्ष पहुंचे तथा वहां गेट के सामने इकट्ठा होकर अपनी बातों को रखा।
यहां कार्यक्रम की अगुवाई भाकपा माले के जिला सचिव पूरन महतो ने करते हुए आज के कार्यक्रम से जुड़ी वस्तु स्थिति को लोगों के सामने रखा।
अपने संबोधन में पार्टी विधायक विनोद सिंह ने कहा कि, गिरिडीह जैसे जिले में प्रशासन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि, बालू के उठाव पर रोक लगा दिए जाने के बाद आखिर आम लोग अपने निर्माण कार्यों या छोटी मोटी सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए बालू खरीदेंगे कहां से.? बालू का उठाव कहां से होगा.? सिंह ने कहा कि इसी जिले में रेलवे सहित बड़ी निर्माण कंपनियों के लिए बालू उपलब्ध हो रहा है, लेकिन कैसे और कहां से हो रहा है, इस पर प्रशासन की कोई नजर नहीं जाती, सिर्फ आम लोगों के साथ समस्या उत्पन्न हो रही है। कहा कि, कई अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर भी रोक लगा दी गई है जिसकी निर्माण कार्य में जरूरत होती है। अलावे गरीबों को ढिबरा चुनने, कोयला की ढुलाई करने आदि पर भी रोक लगा कर एक तरह से उनकी रोजी-रोटी पर ही समस्या उत्पन्न कर दी गई है। प्रशासन तथा सरकार को तत्काल इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
इधर, अपने संबोधन में पार्टी के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि, हेमंत सरकार रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन अभी तक का कार्यकाल यह बताने के लिए काफी है की उल्टा गरीबों से रोजगार छीनने का काम किया जा रहा है। यादव ने कहा कि जिले के दसियों हजार परिवार ढिबरा चुन कर अपनी जीविका चलाते हैं, साइकिलों से कोयला ढोते हैं, खदानों और क्रैसरों में काम करके अपनी जीविका चलाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का बुरा हाल है। रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं। ऐसे में पहले से रोजी-रोटी में लगे लोगों का रोजगार छीनना बिल्कुल गलत है। माले इसके लिए जिले भर में आंदोलन चलाएगी।
कार्यक्रम को पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम सिंह, राजेश यादव, जयंती चौधरी, राजेश सिन्हा आदि ने भी संबोधित किया तथा एक स्वर में सरकार से गरीबों के रोजगार पर हमला बंद करने की मांग की। बालू के तत्काल उठाव की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की। ढिबरा, कोयला, गिट्टी आदि के क्षेत्र में लगे मजदूरों का रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की तथा चेतावनी दी कि, यदि गरीबों का रोजगार प्रभावित हुआ तो बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जिले में चक्का जाम और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।
बाद में पार्टी विधायक तथा जिला सचिव की अगुवाई में 11 सदस्यों के एक शिष्टमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन पत्र सौंपा। उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की सारी बातों को सुनने के बाद इस पर सही तरीके से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिया।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से उस्मान अंसारी, मुस्तकीम अंसारी, पवन महतो, कौशल्या दास, प्रीति भास्कर, विजय पांडे, कन्हैया सिंह, सकलदेव यादव, संदीप जयसवाल, किशोरी अग्रवाल, पप्पू खान, मीना दास, राजकुमार दास, सरिता महतो, असरेश तुरी, अखिलेश राज, ताज हसन, फूल देवी, नौशाद अहमद चांद, नागेश्वर महतो, भोला मंडल, लालमणि यादव, मनोज यादव, रामकिशन यादव, धर्मेंद्र यादव, पवन चौधरी, पिंकी भारती, सरिता देवी, सनातन साव, सोनू रवानी, एकलव्य उजाला, रामलाल मंडल, खीरू दास, रिजवान अंसारी, संजय चौधरी, संतोष राय सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।