पशु क्रूरता रोकने के लिए लोगों को करें जागरूक

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पशु क्रूरता रोकने के लिए लोगों को करें जागरूक  

डीजे न्यूज, गिरिडीह : समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में Prevention of cruelty Act 1960, पेट शॉप एवं डॉग ब्रिडिंग सेन्टर के पंजीकरण एवं नविनीकरण, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना व अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बैठक में बताया गया कि राज्य में अक्सर गो तस्करी/प्रतिबंधित मांस के मामलों को लेकर पशु आपूर्तिकर्ता एवं स्थानीय पशु चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से बेहतर समन्वय स्थापित करने एवं पशु क्रूरता आदि गंभीर मामलों से आम जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। बैठक के दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा पशु क्रूरता अधिनियम आई०पी०सी० में पशु क्रूरता के तहत प्रावधान एवं वाईल्ड लाईफ सम्बंधित नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई। इस संबंध में समिति के सदस्यों में पशु क्रूरता अधिनियम का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा Prevention of cruelty Act 1960 की विस्तृत समीक्षा की गई। साथ ही बताया गया कि गिरिडीह शहरी क्षेत्र में कई पशुपालक गो जाति एवं भैंस जाति को बाजार में छोड़ देते हैं। इस संबंध में रोक लगाने के लिए विस्तृत योजना बनाने पर चर्चा की और जिला में कांजी हाउस संचालित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि वैसे पशुपालक जो अपने पशुधन को सड़क खुले छोड़ देते हैं उन्हें चिन्हित कर जागरूक करना चाहिए। उन्हें बताएं कि पशुओं को शहर के अंदर आवारा छोड़ना भी पशु क्रूरता के श्रेणी में आता है। इस संबंध में सभी थाना प्रभारियों को संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर उचित करवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही जिला में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत गव्य प्रभाग के लाभुक का परिसम्पति का सृजन हेतु आपूर्तिकर्ता के द्वारा पड़ोसी राज्य बिहार से होती है, इस संबंध में निर्देश दिया गया कि सभी संबंधित अधिकारी व थाना प्रभारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यों को करेंगे। अपने मोबाइल नंबर एक-दूसरे के साथ शेयर कर लेंगे ताकि सुगमता पूर्वक पशु क्रूरता निवारण समिति से संबंधित कार्यों को किया जा सकें। इसके अलावा बताया गया कि जिले में जो लोग पेट शॉप एवं डॉग ब्रिडिंग सेन्टर का संचालन कर रहे हैं, उन्हें पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए। साथ ही निर्देश दिया गया कि अपने अधिनस्थ पशुचिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से पेट शॉप एवं डॉग ब्रिडिंग सेन्टर को चिन्हित कर उनका पंजीकारण राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड रांची में करवाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही गिरिडीह जिला में Glue Traps के निर्माण, बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।

 

बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, उप नगर आयुक्त के प्रतिनिधि, गोपाल गोशाला के सचिव, संबंधित विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मी उपस्थित थे।

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