गिरिडीह को बनाएं बाल शोषण मुक्त जिला : नमन प्रियेश लकड़ा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सहयोग से प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है। +2 अग्रवाला उच्च विद्यालय तिसरी में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा एवं विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक अमित रेणु थे।
इस मौके पर उपायुक्त लकड़ा ने कहा कि गावां एवं तिसरी प्रखंड में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन काफी फोकस तरीके से बच्चों की शिक्षा एवं सुरक्षा के मुद्दे पर काम कर रही है। इसका सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। अच्छी बात यह है कि गावां एवं तिसरी प्रखंड को नीति आयोग के तहत आकांक्षी प्रखंड के बतौर चिन्हित किया गया है जहां पर अब बच्चों के शिक्षा, सुरक्षा , स्वास्थ्य, विकास, आदि मुद्दों पर और भी फोकस तरीके से काम हो सकेगा। इसके लिए जिला प्रशासन संकल्प बद्ध है। वीएलसीपीसी को हर हाल में सक्रिय बनाया जायेगा क्योंकि बाल संरक्षण के मुद्दे पर इनकी भूमिका काफी अहम है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस क्षेत्र में विजिट करता रहूंगा। हर हाल में गिरिडीह को बाल शोषण मुक्त जिला बनाना है।
पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने कहा कि बाल श्रम, ट्रैफिकिंग, बाल विवाह जैसे अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के लिए हमेशा पुलिस तत्पर है। बच्चों के से जुड़े मामलों के समाधान के लिए बाल मित्र थाना तथा बाल मित्र पुलिस भी हर थाने में उपलब्ध हैं। आप वहां सम्पर्क करें। आप मुझे भी सीधे कॉल कर सकते हैं।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के निदेशक ओम प्रकाश पाल ने कहा कि ग्राम स्तरीय, प्रखंड स्तरीय तथा जिला स्तर पर बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा, एवम संरक्षण सुनिश्चित कराने के लिए उपायुक्त ने बाल संरक्षण समिति के गठन का जो पहल किया है वह बाल मित्र जिला निर्माण का आधार है। इससे जिले में बाल विवाह, बाल मजदूरी पर कारगर रोक लगेगी। सभी बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित हो पाएगी।
मुख्य प्रशिक्षक के बतौर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन की डॉक्टर संगीता गौर ने बाल संरक्षण समितियों के कार्यभार तथा प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया। वीएलसीपीसी के नियमित संचालन, बच्चों से संबंधित मुद्दों पर आवश्यक पहल, समस्याओं का संकलन और आवश्यक पहल, बच्चों के शोषण को रोकने के लिए बने कानूनों के संबंध में जानकारी प्रदान की। बाल संरक्षण समिति के संरचनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समिति का सबसे बेहतर स्वरूप यह है कि इसमें बच्चों से जुड़े प्रत्येक विभाग को समाहित कर बनाया गया है जिससे बाल संरक्षण समिति एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है बच्चों के सर्वांगीण विकास के मुद्दे पर।
जिला परिषद सदस्य राम कुमार राउत
एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष प्रजापति ने कहा कि तिसरी को बाल शोषण मुक्त प्रखंड बनाने का कार्य किया जायेगा।
तिसरी अंचलाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी असीम बारा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त शशिभूषण मेहरा, जिला नीति आयोग समन्वयक अंजली बिन सिकदर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम, एमओआइसी के डा महेश्वरम, आंगनवाड़ी महिला पर्यवेक्षिका मोनिका बोस एवं अर्चना कुमारी, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सुरेंद्र पंडित, राजेश सिंह, संदीप नयन, राजू सिंह, भरत पाठक, छोटेलाल पांडेय, तरुण , मुकेश, पिंटू, रोहित, प्रतीक, इंकज, नीरज, शांति सहित, चाइल्ड लाइन के अमर पाठक, जयराम जी, गूंजा कुमारी, मुखिया संघ के अध्यक्ष पिंकेश सिंह एवं बाल प्रतिनिधि गुफसाना प्रवीण सहित अन्य बच्चे उपस्थित रहे।