नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास में लोकनाथ को चार साल कारावास

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपित लोकनाथ महतो को दोषी करार देते हुए चार साल एक महीने की सजा सुनाई गई है। पोक्सो के विशेष न्यायाधीश बिजय प्रकाश की अदालत ने गुरुवार को सजा सुनाई है।निर्णय को लेकर आरोपित लोकनाथ महतो को कड़ी सुरक्षा में न्यायालय लाया गया। सजा सुनाए जाने के बाद वापस सेंट्रल जेल भेज दिया गया।न्यायालय ने दुष्कर्म के प्रयास और पोक्सो की विशेष धारा में चार साल और एक माह की अलग अलग सजा सुनाई है।दोनों सजा साथ-साथ चलेगी।साथ ही दोनों मामले में दस हजार रुपए अर्थदंड जमा करने का आदेश भी दिया है।जुर्माना राशि जमा नही करने पर छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी।इस मामले में पीड़िता ने जहां घटना का समर्थन किया, वहीं उसके माता पिता ने घटना होने से इंकार किया। दोनों न्यायालय में होस्टाइल गवाह घोषित किए गए।अमूमन ऐसा पहली बार देखा गया कि पीड़िता के साथ हुए यौन हिंसा का उसके माता पिता ने समर्थन नहीं किया। पोक्सो की धारा में पीड़िता का बयान को ही महत्व दिया जाता है। यह कानून पीड़िता के संरक्षण के लिए ही बनाई गई थी।
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क्या था मामला और न्यायालय में क्या दिया था बयान :
घटना डुमरी थाना क्षेत्र की है। एक नाबालिग जो क्लास सात में पढ़ती थी ।अपने मौसी के घर आई थी। उसी गांव के लोकनाथ महतो अकेला पाकर घर मे घुस गया और नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के नियत से उसका कपड़ा खोल दिया। साथ ही छेड़छाड़ करने लगा। हल्ला पर उसकी मौसी आई तो आरोपित भाग गया।इस मामले में लोकनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।न्यायालय में गवाही शुरू हुई।पोक्सो एक्ट में पीड़िता का ही बयान पहला गवाही के रूप में लिया जाता है।पीड़िता ने प्राथमिकी का समर्थन किया।बताया कि लोकनाथ ने दुष्कर्म का प्रयास किया।पीड़िता की मौसी ने भी घटना का समर्थन किया, पर पीड़िता की मां और पिता ने घटना का समर्थन नहीं किया। न्यायालय में पीड़िता के पिता ने कहा घटना के बारे में कुछ भी नही जानती है। उसकी मां ने कहा कि उसकी बेटी मौसी के घर रहती थी। उसकी बहन की बकरी लोकनाथ का फसल खा गई थी। इसे लेकर लोकनाथ हर्जाना मांगने गया था। जहां दोनों में झगड़ा और गालीगलौज हुआ। पीड़िता की मां ने दुष्कर्म की बात को नही बताई। न्यायालय ने पीड़िता के बयान को मानते हुए फैसला सुनाया।

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